भोपाल। मध्यप्रदेश के अनेक आईएएस, आईपीएस और आईएफएस अधिकारियों के विरुद्ध भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप हैं। हाल ये हैं कि कई आईएएस अधिकारियों के विरुद्ध तो लोकायुक्त संगठन और राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ में भी शिकायतें लंबित हैं। हालांकि प्रदेश सरकार अब इनपर सख्ती के मूड में है। प्रदेश के ऐसे ही दो आईएएस अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है। प्रदेश के लोकायुक्त और राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के समक्ष 63 आइएएस अधिकारियों की शिकायतें लंबित हैं। इनमें लोकायुक्त के पास 35 और राज्य आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ के समक्ष 28 शिकायतें हैं। जांच एजेंसियां इन शिकायतों के परीक्षण में लगी हैं। अधिकारियों के अनुसार शिकायतों के परीक्षण में गड़बड़ी प्रमाणित हुई तो बाकायदा प्रकरण दर्ज किया जाएगा।
दो पर कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू
इस बीच दो सेवानिवृत्त आइएएस अंजू सिंह बघेल और एमएस भिलाला पर अनियमितता के मामले में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरु हो गई है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने केंद्र सरकार से अनुमति मांगी है। विभागीय जांच के बाद से इन दोनों के विरुद्ध कार्रवाई प्रस्तावित है। सेवानिवृत्त हो जाने के कारण दोनों अधिकारियों से वसूली करने या उनकी पेंशन रोकने का निर्णय केंद्र सरकार की अनुमति पर ही लिया जा सकेगा।
जांच में पाए गए दोषी
जानकारी के अनुसार एमएस भिलाला पर रतलाम में कलेक्टर रहते हुए क्रय नियमों के विरुद्ध खरीदी का आरोप है। इस मामले के सामने आने के बाद उन्हें हटा भी दिया गया था। विभागीय जांच पूरी होने के पहले ही वे सेवानिवृत्त हो गए। इसी तरह अंजू सिंह बघेल पर कटनी में कलेक्टर रहते हुए सीलिंग की जमीन में गड़बड़ी के आरोप लगे थे जिसमें उन्हें निलंबित कर दिया गया था। सामान्य प्रशासन विभाग के सूत्रों के अनुसार दोनों को जांच में दोषी पाया गया है। अब उनके विरुद्ध कार्रवाई के लिए केंद्र सरकार से अनुमति मांगी गई है।
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