इंदौर। प्रशासन द्वारा इंदौर जिले की सभी सहकारी सोसायटी संस्थाओं की जांच शुरू कर दी गई है, जिससे हडक़ंप मच गया है। संस्था के प्रमुख द्वारा बड़े-बड़े घोटाले करते हुए करोड़ों रुपए की जमीन अपात्र लोगों को बांट दी गई है। कलेक्टर मनीषसिंह के आदेश पर अपर कलेक्टर अभय बेड़ेकर के नेतृत्व में टीम द्वारा जांच की जा रही है। कलेक्टोरेट के रिकॉर्ड रूम से 196 संस्थाओं की फाइलें मंगाई गई हैं। इन फाइलों में कई चर्चित घोटाले भी हैं, जिनकी पहले भी पोल खुल चुकी है। जमीन घोटाले के इस खेल में जमीनी जादूगरों का सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने भी पर्दे के पीछे से साथ दिया है।
जांच में गड़बड़ी मिलने पर पहले नोटिस देंगे…फिर कब्जा भी लेंगे
जांच में प्रथम दृष्टया यही देखा जा रहा है कि किस संस्था की कितनी जमीन कहां-कहां है और कितने भूखंड काटे गए हैं। साथ ही जिन सदस्यों के नाम सूची में हैं, उन्हें भूखंड मिला है या अपात्र लोगों को ही बंदरबांट कर दी गई है। संस्था द्वारा जमीन की आड़ में और अधिक जमीन पर तो कब्जा नहीं किया गया है, इसकी भी बारीकी से छानबीन की जा रही है। जांच में बड़े घोटाले की पोल खुल सकती है। गड़बड़ी मिलने के बाद पहले संस्था प्रमुखों को नोटिस दिया जाएगा, उसके बाद फिर कब्जा लेने के साथ ही उनके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी।
यह हैं इंदौर जिले की सहकारी संस्थाएं
प्रशासन द्वारा जिन सरकारी संस्थाओं की जांच की जा रही है उनमें प्रमुख रूप से नवभारत सोसायटी, देवी अहिल्या कामगार संघ, आस्था गृह निर्माण, विकास अपार्टमेंट, मालवा गृह निर्माण, हरियाणा गृह निर्माण, डाकतार कर्मचारी गृह निर्माण, मजदूर पंचायत गृह निर्माण, गुरु नानक सोसायटी, गुलमोहर गृह निर्माण सहकारी संस्था, लीलाधर नारायण, गुजराती समाज हाउसिंग सोसायटी, वसंत विहार, टेलीकॉम, जयलक्ष्मी, सत्यम शिवम सुंदरम और श्रीराम गृह निर्माण संस्था सहित अन्य हैं।
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