76 मामले गंभीर, जांच में देरी से कार्य हो रहे प्रभावित
इंदौर। आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (Economic Offences Investigation Bureau) में पिछले एक साल से अधिकारियों (officers) की कमी (shortage ) के चलते कई गंभीर मामले लंबित पड़े हैं। उनमें कई ऐसे मामले हैं जो अधूरे हैं और उनकी जांच पूरी नहीं हो पाई है।
मिली जानकारी के अनुसार ईओडब्ल्यू में आर्थिक मामलों की जांच करने वाले अधिकारियों की कमी के चलते जांच प्रभावित हो रही है। विभागीय सूत्रों के अनुसार ईओडब्ल्यू में एक साल से चार विवेचकों की कमी है। यहां 14 अधिकारियों की टीम थी। उनमें से 7 के तबादले हो चुके हैं। वहीं एक महिला अधिकारी लंबे समय से छुट्टी पर हैं। बताया जा रहा है कि यहां 76 मामलों में अपराध दर्ज हो चुके हैं, लेकिन विवेचना पेंडिंग पड़ी हुई है। सूत्रों ने बताया कि विभाग को 174 शिकायतें पिछले एक वर्ष के दौरान प्राप्त हुई हैं, जिनमें जांच चल रही थी, लेकिन जांच अधिकारियों की कमी के चलते यह अटकी पड़ी हुई है। बताया जा रहा है कि नगर निगम, ग्रामीण विकास विभाग, पीडब्ल्यूडी, सहकारिता विभाग, वन विभाग, पुलिस के अलावा अन्य विभागों के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ जांच पेंडिंग है, जिनमें आर्थिक रूप से किए गए भ्रष्टाचार के मामले ज्यादा हैं। सूत्रों का कहना है कि हाल ही में नगर निगम में हुए 150 करोड़ के आर्थिक घोटाले में पकड़ाए नगर निगम के अधिकारी राजकुमार जादौन के खिलाफ भी विभाग ने मामला दर्ज किया था। उसका प्रकरण भी अभी चल रहा है। उसके घर से आय से अधिक संपत्ति का मामला उजागर हुआ था और छापे के दौरान लाखों रुपए जब्त किए गए थे। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि जांच अधिकारी की उपलब्धता हो जाए तो लंबित मामलों का निराकरण जल्द ही हो सकता है। फिलहाल अभी प्रकरणों में सुनवाई नहीं होने से कार्य प्रभावित हो रहे हैं।