ड्रेनेज के अलावा अन्य विभागों में भी हुआ फर्जीवाड़ा, पुलिस को अभी तक मुख्यालय से हस्ताक्षरों की जांच रिपोर्ट नहीं मिली, जनकार्य और उद्यान के भी कई ठेकों की पड़ताल शुरू
इंदौर। नगर निगम (municipal corporation) के बहुचर्चित फर्जी बिल महाघोटाले (fake bill mega scam) में जिन फर्मों की लिप्तता और उजागर हुई थी उनसे संबंधित लगभग 136 फाइलों (136 files) को निगम की लेखा शाखा ने ड्रेनेज, यातायात, उद्यान, जनकार्य (Drainage, Traffic, Parks, Public Works) सहित अन्य विभागों को जांच के लिए सौंपा है। इससे पता लगाया जा सकेगा कि इन फर्मों ने कितने फर्जीवाड़े किए। दूसरी तरफ एमजी रोड थाने को फरार ठेकेदार एजाज सहित अन्य की भी तलाश है। वहीं पुलिस मुख्यालय को भेजी गई हस्ताक्षरों की जांच रिपोर्ट भी अभी तक प्राप्त नहीं हुई।
बीते एक माह से मीडिया में निगम फर्जी बिल महाघोटाला सुर्खियों में है। वहीं लोक निर्माण और उद्यान विभाग प्रभारी राजेंद्र राठौर ने फर्म सरकार इन्फ्रास्ट्रक्चर और अर्थ मूवर्स की जानकारी मांगी है। दरअसल इन दोनों फर्मों पर भी उद्यान और जनकार्य से जुड़े कुछ फर्जी कामों के आरोप लगे हैं। 2018-19 से लेकर अभी तक इन दोनों फर्मों को सौंपे गए कार्यों और हुए भगुतान की जानकारी मांगी है। वहीं राठौर के मुताबिक उन्होंने खुद वार्ड 79 में शिवशक्ति नगर में चल रहे उद्यान जीर्णोद्धार के कार्य का अवलोकन किया तो पता चला कि काम पूर्ण हुए बिना ही फाइल लेखा शाखा को कार्य पूर्ण होने की अनुशंसा के साथ भेज दी गई। दूसरी तरफ पिछले दिनों जिन चार फर्मों के इस फर्जीवाड़े में लिप्त होने का खुलासा हुआ था उनमें अल्फा, मेट्रो, मातुश्री और एनएनएन नामक फर्में हैं। इनको भी साढ़े चार करोड़ से अधिक का भुगतान निगम खजाने से हो चुका है। अब इन फर्मों से जुड़़ी 136 फाइलों की जांच संबंधित विभागों से करने को कहा गया है। उनमें से लगभग 75 फाइलें ड्रेनेज विभाग से संबंधित हैं, जबकि अन्य फाइलें जनकार्य, उद्यान की हैं।