बेंगलुरु (Bangalore) । कर्नाटक हाईकोर्ट (Karnataka High Court) ने राज्य पुलिस (State Police) को भारती जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (JP Nadda) और पार्टी के आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय (Amit Malviya) के खिलाफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह (Former Prime Minister Manmohan Singh) के एक एनिमेटेड वीडियो के मामले में जांच जारी रखने की अनुमति दे दी है। शुक्रवार को न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की पीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। जेपी नड्डा ने मामला रद्द करने की याचिका दायर की थी।
विचाराधीन मामला जनप्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के साथ-साथ समुदायों के बीच दुश्मनी पैदा करने से संबंधित भारतीय दंड संहिता के प्रावधानों के तहत दर्ज किया गया था। नड्डा और मालवीय के वकील ने तर्क दिया कि अगर कोई उल्लंघन हुआ है तो भी इस तरह के मामले में राष्ट्रीय प्रमुखों को राज्य इकाई स्तर पर सभी कार्यों के लिए जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है।
उन्होंने यह तर्क भी दिया कि इसी मामले के संबंध में एक और मामला अलग से दर्ज किया गया था जो सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुरूप नहीं था। इसके अलावा, इस बात का भी कोई उल्लेख नहीं किया गया कि दुश्मनी कैसे पैदा की गई। हालांकि पीठ ने अभियोजन पक्ष की इस दलील से सहमति जताई कि इस स्तर पर जांच रोकी नहीं जा सकती। इसी के साथ कोर्ट ने जांच जारी रखने की इजाजत दे दी। हालांकि एक शर्त भी रखी गई है कि जांचकर्ता नड्डा और मालवीय की व्यक्तिगत उपस्थिति पर जोर नहीं देंगे।
नड्डा और अमित मालवीय की इंस्टाग्राम पोस्ट में कथित तौर पर दावा किया गया था कि कांग्रेस पार्टी सत्ता में आने पर मुसलमानों को धन वितरित करेगी। हालांकि न्यायालय ने जांच के लिए जेपी नड्डा और अमित मालवीय को व्यक्तिगत रूप से पेश होने से छूट दी है। न्यायमूर्ति कृष्ण एस दीक्षित की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने जेपी नड्डा और अमित मालवीय द्वारा कलबुर्गी साइबर स्टेशन में दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई के बाद यह आदेश पारित किया।
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