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    जांच एजेंसी को मिला सुराग… पत्थरबाजों का कश्मीरी लिंक तलाश रहा है खुफिया विभाग

  • January 04, 2021

    भोपाल। नागरिकता संशोधन विधेयक के दौरान प्रदेश में हुए विरोध के दौरान पत्थरबाजी की घटनाएं शुरू हुईं थी, जो अब धीरे-धीरे बढ़ रही हैं। हाल ही में उज्जैन, इंदौर एवं अन्य जिलों में पत्थरबाजी की घटनाओं के बाद खुफिया एजेंसियों ने पत्थरबाजों का कश्मीरी कनेक्शन तलाशना शुरू कर दिया है। श्ुारूआत में खुफिया एजेंसी को ऐसे कनेक्शन का लिंग भी मिला है। हालांकि अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इधर राज्य सरकार ने ऐसी घटनाओं को गंभीरता से लेकर कानून बनाने की रणनीति पर काम शुरू कर दिया है। प्रदेश भर में पुलिस ने पत्थरबाजी के आरोप में अभी तक आधा सैंकड़ा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इनमें से कई लोगों पर रासुका की कार्रवाई भी की गई है। इसके बावजूद भी पत्थरबाजी की घटनाओं पर अंकुश नहीं लगा है। खबर है कि पुलिस का खुफिया विभाग अब पत्थरबाजों का कश्मीरी कनेक्शन तलाश रहा है। आरोपी प्रदेश के बाहर कब-कब और कहां गए थे। कितने दिन कहां ठहरे थे। कश्मीर के तथाकथित पत्थरबाजों से कोई कनेक्शन रहा है या नहीं। उनकी कॉले डिटेल, सोशल मीडिया एकाउंट आदि को भी निगरानी में लिया है। खुफिया विभाग से जुड़े सूत्र ने बताया कि कुछ पत्थरबाजों के प्रदेश के बाहर कनेक्शन होने का लिंक मिले है। खास बात यह है कि अभी तक पुलिस ने इसकी किसी तरह की अधिकृत पुष्टि नहीं की है।

    सीएए के दौरान बढ़ी पत्थरबाजी की घटनाएं
    लोकसभा में जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने एवं नागरिकता संशोधन विधेयक लागू होने के बाद देश में विरोध हुआ था। मप्र में भी उस समय सीएए के विरोध में लोग उतरे थे। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उस समय जबलपुर, इंदौर, उज्जैन, खंडवा एवं भोपाल में भी विरोध हुआ था। कुछ शहरों में पत्थरबाजी की घटनाएं हुई थी। इसके बाद से प्रदेश में पत्थरबाजी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं।

    पत्थरबाजी सामान्य अपराध नहीं, सख्त कानून बनाएंगे: शिवराज
    मुख्यमंत्री शवराज सिंह चौहान ने कहा है कि पत्थरबाजी करने वाले उपद्रवियों को कड़ी सजा मिलेगी। इसके लिए कानून बनाया जा रहा है। पत्थरबाज े समाज के दुश्मन हैं। पत्थरबाजी साधारण अपराध नहीं है। इससे किसी की जान भी जा सकती है। पत्थरबाजी, भय और आतंक का माहौल बनाती है। चौहान ने कहा कि कानून का राज ही मध्यप्रदेश में रहेगा। पत्थरबाजी करने वालों को छोड़ा नहीं जाएगा। इसके लिए कड़ी सजा देने का कानून भी हम ला रहे हैं। पत्थरबाजी और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाना, आगजनी को अंजाम देना या किसी का व्यक्तिगत नुकसान या तोडफ़ोड़ करना अक्षम्य अपराध की श्रेणी में है। कोई भी बात शांतिपूर्ण ढंग से कहने की लोकतंत्र में इजाजत है, लेकिन पत्थरबाजी जैसी घटनाएं सहन नहीं की जाएंगी। चौहान ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को कड़ी सजा देंगे। सजा के साथ ही ऐसे उपद्रवी लोगों को पीडि़त व्यक्ति को क्षतिपूर्ति भी देनी होगी। उपद्रवी से आर्थिक भरपाई भी करवाई जाएगी। उसकी संपत्ति राजसात की जाएगी।

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