– डॉ. रमेश ठाकुर
पाकिस्तानी महिला सीमा गुलाम हैदर और दिल्ली से सटे ग्रेटर नोएडा के रबूपुरा कस्बे के निवासी सचिन मीणा की प्रेम कहानी के चर्चे इस वक्त प्रत्येक इंसान की जुबान पर है। मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियों में सिर्फ यही सब कुछ चल रहा है। रबूपुरा में लोगों का तांता लगा हुआ, भीड़ इस कदर बढ़ रही है जिसे नियंत्रित करने को पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। सीमा के क्रियाकलापों पर नजर रखने के लिए जांच एजेंसियों को ऊपरी आदेश मिले हुए, इसलिए सादा वर्दी में कई दर्जन डेरा डाले हुए हैं। इसके अलावा केंद्र सरकार से लेकर स्थानीय शासन-प्रशासन की भी फिल्डिंग लगी हुई। दरअसल, ये प्रेम कहानी अब दूसरा मोड़ ले चुकी है। प्रशासन को इस कहानी के पीछे कोई साजिश दिखती है। तभी, सीमा से दो मर्तबा विभिन्न जांच एजेंसियों ने अभी तक पूछताछ की है। हालांकि अभी ऐसा कुछ हाथ लगा नहीं, जिससे साबित हो कि सीमा वास्तव में पाकिस्तान जासूस है। साधारण इंसान की नजर से देखें तो पाकिस्तान का अगर कोई बेजुबान जानवर भी इस ओर आ जाए, तो उसे जितना प्यार करेंगे, उतना ही शक करेंगे। सीमा के साथ भी कमोबेश कुछ ऐसा ही हो रहा है।
बहरहाल, सीमा अपने प्रेमी सचिन के साथ ऑफिशियल शादी कर चुकी है नेपाल के किसी मंदिर में। अब वो उसके साथ यहीं भारत में ताउम्र जिंदगी बिताना चाहती है। लेकिन इसके साथ वह कानूनी पेचीदगी में भी फंसती जा रही है। फंसना लाजमी है क्योंकि उन्होंने पाकिस्तान से भारत आने का जो रास्ता इख्तियार किया है, वह घोर गैरकानूनी है। उसने अवैध रूप से एक नहीं, बल्कि तीन-तीन अंतरराष्ट्रीय सीमाओं को पार किया। कोई अन्य देश होता, जहां से सीमा आई होती, तो इतना बखेड़ा खड़ा नहीं होता। लेकिन बात पाकिस्तान की है। वहां के परिंदे से भी दोनों ओर नफरत की जाती है, शक की नजरों से देखा जाता है। सीमा हैदर के इस तरह हिंदुस्तान पहुंचने से कई सवाल उठ रहे हैं। सवाल उठने भी चाहिए, दोनों मुल्कों के रिश्ते इस वक्त बेहद तनावपूर्ण स्थिति में हैं। सालों बीत गए बातचीत बंद हुए। राजनीति, व्यापारिक, आपसी संबंध, एक-दूसरे के देशों में आने-जाने में तकरीबन प्रतिबंध ही है। ऐसे में अगर कोई उन बंदिशों को तोड़कर पहुंचे तो शक होना लाजमी है।
हिंदुस्तान आकर सीमा हैदर हर वो कदम उठा रही है जिससे यहां के लोग भावनात्मक तौर पर उसके प्रति प्यार और सहानुभूति दिखाएं। उसने सबसे पहले हिंदू धर्म अपनाया, जिसके लिए उस पर न किसी ने प्रेशर डाला गया और न किसी ने कहा। अपने गले में राधे-राधे का पट्टा पहनना, हनुमान चालीसा पढ़ना, यहां के तौर-तरीकों में खुद को तेजी से रमाना सबकुछ उसने आरंभ कर दिया। पाकिस्तान के खिलाफ वह मुखर होकर बोल रही है। बताती है कि वहां कैसे हिंदुओं के साथ अत्याचार होता है। हालांकि ये सच्चाई तो जगजाहिर है। उनके ये बयान सुनकर पाकिस्तानी लोग काफी गुस्से में हैं। गुस्से का असर दिखना भी शुरू हो गया है। वहां के एक डाकू ने फरमान जारी कर दिया है कि सीमा तुरंत पाकिस्तान आएं, वरना उसकी सजा वो हिंदुस्तान को देंगे। दो दिनों से वह लगातार सोशल मीडिया के जरिए हिंदुस्तान को धमका रहा है। निश्चित रूप से सीमा के यहां पहुंचने से दोनों देशों के दरम्यान रिश्ते और खराब होने की संभावना बढ़ गई है। हालांकि अभी तक अधिकारिक तौर पर दोनों देशों की सरकारों ने कोई बयान जारी नहीं किया है।
फिलहाल बड़ा सवाल अब ये उठने लगा है कि खुदा-ना-खास्ता, अगर सीमा हैदर पाकिस्तान की जासूस निकली तो इसके पीछे भारतीय खुफिया तंत्र की घोर लापरवाही मानी जाएगी। खुफिया एजेंसियों को छोड़ो, स्थानीय पुलिस और राज्य सरकार को भी भनक नहीं हुई। भेद करीब पचास दिनों बाद तब खुला जब सीमा-सचिन कोर्ट मैरिज करने दादरी स्थिति सूरजपुर कोर्ट पहुंचे। कोर्ट में वकील ने जब दस्तावेज मांगे तो वकील को सीमा के पाकिस्तान होने का पता चला, उसके बाद वो सन्न रह गए। उन्होंने तुरंत स्थानीय थाने में इस बात की सूचना दी, सूचना पर पुलिस आई दोनों को थाने ले गई। करीब चौबीस घंटे दोनों को हिरासत में रखा, पूछताछ करके छोड़ दिया। फिलहाल मामला वहीं शांत हो गया था। लेकिन जब ये अनोखी प्रेम कहानी मीडिया की सुर्खियां बनीं तो मानो हंगामा ही कट गया। सभी चैनलों पर बीते चार-पांच दिनों से उन्हीं की प्रेम कहानी के किस्से सुनाए और बताए जा रहे हैं।
सीमा की अद्भुत प्रेम कहानी अब सूबे के मुख्यमंत्री कार्यालय तक जा पहुंची है। उसके बाद सुरक्षा एजेंसियां, लोकल इंटेलिजेंस और बीट पुलिसिंग फिर हरकत में आ गई। अब दोबारा से कड़ाई से जांच पड़ताल हो रही है। लेकिन अभी तक निकला कुछ भी नहीं। सीमा पढ़ी-लिखी तो कोई खास नहीं है। पर, उसके बात करने के लहजे, हिंदी-सिंधी-अंग्रेजी और उर्दू बोलना कान खड़े करते हैं। मात्र पांचवीं जमात पढ़ी ये औरत अच्छे से कम्पयूटर चलाती है, इंटरनेट का ज्ञान रखती है। जबकि, कराची के जिस गांव में रहती थी, वहां दिन में बमुश्किल पांच-छह घंटे की बिजली आती है। इसके अलावा शक ये भी होता है कि जिसकी गोदी में चार-चार अबोध बच्चे हों, उसे भला पबजी, इंटरनेट व सोशल मीडिया के लिए समय कहां से मिलेगा। लेकिन सीमा इन सबसे में निपुण है। यही कारण है कि उत्तर प्रदेश की पुलिस, सुरक्षा एजेंसियों, लोकल इंटेलिजेंस और पुलिसिंग बीट के लिए सीमा की कहानी अब किसी भयंकर सिरदर्द से कम नहीं।
(लेखक स्वतंत्र टिप्पणीकार हैं।)
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