रतलाम (Ratlam)। प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के बहुचर्चित MTFE घोटाले (Country’s most famous MTFE scams) का आज रतलाम पुलिस (Ratlam Police) ने पूरी तरह से खुलासा किया है. पुलिस ने इस मामले में फर्जीवाड़े की 44 लाख रुपए (44 lakh rupees) की राशि, वापस भारतीय एकाउंट मे जमा करवाने में सफलता हासिल की है. इस फर्जीवाड़े के तार मध्य प्रदेश सहित राजस्थान और दूसरे राज्यों में भी फैले हुए हैं जिसमें सैकड़ों निवेशकों को करोड़ों रुपए का चूना लगाकर यह फर्जीवाड़ किया गया था. पुलिस अब तक इस बहुचर्चित मामले में सात आरोपियों को गिरफ्तार (Seven accused arrested) कर चुकी है।
इस पूरे फर्जीवाडे के मास्टरमाइंड मणिपुर के रहने वाले इनाकू पेमे और मेर्सी पेमें है. इनाकू कि बहन पुरापाईला पेमे और उसका चीन का रहने वाले पति हैं. जोंग भी इस फर्जीवाड़े में शामिल है. ये नटवरलाल इसके पहले भी दिल्ली में इसी तरह का ऐप बनाकर लोगों के साथ धोखाधड़ी कर चुके हैं. जिसकी एफआईआर दिल्ली में भी दर्ज है. इनाकू और पेमे दोनों मास्टरमाइंड फरार हैं. जिनकी तलाश में रतलाम पुलिस मणिपुर में डेरा डाल चुकी हैं।
फर्जीवाड़े का तरीका
MTFE एप्लिकेशन प्लेस्टोर से डाउनलोड कर इस एप्प में रजिस्ट्रेशन किया जाता है. इसमें आपको एक QR कोड और एक लिंक मिलती है. इसे बाईनेंस ऐप ( यह इंटरनेशनल कंपनी एप्प है जिसे इलीगल नहीं माना गया है ) में जाकर डिपोजिट के ऑप्शन पर लिंक पेस्ट करने पर पैसा सीधे MTFE की कंपनियों में क्रिप्टोकरंसी के रुप में पहुंच जाता था. फिर यह पैसा इन कंपनियों के पास से सीधे नटवरलालों के एकाउंट में पहुंच रहा था।
5 देशो में 12 सौ करोड़ कि धोखाधड़ी
क्यू आर कोड़ स्केन कर, 10 लाख 48 हजार वर्चुअल एड्रेस को एनालिसिस कर मामले का खुलासा किया है. कई देशों में इस मामले में FIR दर्ज हो गई है जिसमें जापान, सिंगापुर श्रीलंका, बांग्लादेश पुलिस के समक्ष रतलाम पुलिस बराबरी से जांच करती रही।
फर्जीवाड़े का साम्राज्य
इस फर्जीवाड़े के तार जापान, श्रीलंका, बांग्लादेश, मलेशिया सिंगापुर तक फैले हुए हैं. रतलाम पुलिस ने बाईनेंस कंपनी (स्पेन) से 44 लाख रुपये फ्रिज करवाए हैं. बाइनेंस इंटरनेशनल एप है जिससे निजी कंपनियों के अकाउंट में क्रिप्टोकरंसी के रुप में पैसा ट्रांसफर होता था और इन कंपनियों से MEFT के ठगों के पास. धोखाधड़ी कि राशि अरबों रुपए की है।
इसमें इन्वेस्टर्स को धनराशि दुगुनी तिगुनी करने का लालच देकर अपने जाल में फांसा जाता है. फिर उनका पैसा लगवाया गया. पैसा लगवाकर कंपनी बंद हो गई. एमटीएफई के जालसाजो का कहना था कि जनता के पैसों की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से ट्रेडिंग करते हैं. इसमें होने वाले मुनाफे का बड़ा हिस्सा इन्वेस्टर को दिया जाता है. लेकिन ऐसा कुछ भी नहीं था सब कुछ फर्जी था।
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