मुंबई। सुर साम्राज्ञी लता मंगेशकर अब इस दुनिया में नहीं हैं, लेकिन उनकी यादें हर किसी के दिल-ओ-दिमाग में बसी हैं तो लबों पर उनके गीतों की आवाजाही लगी रहती है। यही वजह है कि देश का कोना-कोना लता दीदी से जुड़ी यादों को सहेजने में जुटा हुआ है। अब इस कड़ी में महाराष्ट्र का नाम भी जुड़ गया है, जहां लता मंगेशकर के नाम पर संगीत का अंतर्राष्ट्रीय महाविद्यालय खोला जाएगा। महाराष्ट्र की उद्धव ठाकरे सरकार ने इसका एलान कर दिया है। साथ ही, 100 करोड़ रुपये का बजट भी पास कर दिया है।
लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक व म्यूजियम नाम से स्थापित होने जा रही इस संस्था के लिए महाराष्ट्र सरकार ने 100 करोड़ रुपये का बजट आवंटित किया है। ये पूरा प्रोजेक्ट छह लोगों की एक समिति की देखरेख में बनेगा और इस समिति का अध्यक्ष लता मंगेशकर के भाई हृदयनाथ मंगेशकर को बनाया गया है। हृदयनाथ के अलावा जो बाकी लोग इस समिति में शामिल हैं, उनके नाम हैं, उषा मंगेशकर, आदिनाथ मंगेशकर, शिव कुमार शर्मा और मयूरेश पई। मयूरेश महाराष्ट्र सरकार के संस्कृति निदेशालय के निदेशक हैं।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे इस कॉलेज की स्थापना को लेकर पूरी परियोजना की व्यक्तिगत रूप से निगरानी भी कर रहे हैं। लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक व म्यूजियम के लिए स्थान का चयन भी हो गया है। लता मंगेशकर के निधन के बाद बीजेपी ने दादर के शिवाजी पार्क में ही जहां उनका अंतिम संस्कार किया गया था, एक स्मारक बनाने की मांग की थी। लेकिन, शिवसेना की अगुआई वाली महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए मुंबई के कालीना स्थित बॉम्बे यूनिवर्सिटी में पांच एकड़ जगह चिन्हित कर ली है।
लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक व म्यूजियम की स्थापना और इसके संचालन के लिए महाराष्ट्र सरकार ने शुरू में एक अध्ययन समिति गठित की थी। अब जो कोर समिति बनी है, वह पहले से बनी इस अध्ययन समिति से इस बारे में चर्चा करेगी और उसकी अनुशंसाओं के आधार पर इस कॉलेज की स्थापना के बारे में आगे की कार्यवाही करेगी। इस कॉलेज के लिए चिन्हित जमीन को निदेशालय को स्थानांतरित करने की कार्रवाई तेजी से पूरे करने के निर्देश भी महाराष्ट्र सरकार ने दिए हैं।
लता मंगेशकर के निधन के बाद उनके गानों की संख्या को लेकर भी काफी विवाद रहा। तमाम लोगों ने उनकी गिनीज बुक में रिकॉर्डिंग्स को ही उनके गानों की संख्या मान लिया। गिनीज बुक ने गाने लिखने के बजाय रिकॉर्डिंग शब्द का उल्लेख किया था और लता मंगेशकर के साथ 21 देशों के 53 शहरों में 123 शोज की यादें अपनी पुस्तक ‘इन सर्च ऑफ लता मंगेशकर’ में संजोने वाले हरीश भिमानी बताते हैं कि उस दौर में हर गाने की दो से तीन रिकॉर्डिंग होना आम बात थी।
सुमन चौरसिया की किताब ‘लता समग्र’ में भी लता मंगेशकर के 2014 तक गाए गानों की सूची है। इस किताब के मुताबिक लता मंगेशकर ने जो गाने गाए उनमें हिंदी फिल्मी गाने 5328, गैर फिल्मी गाने 198, अप्रकाशित गाने 127, मराठी 405, बंगाली 206, संस्कृत 24, गुजराती 48, पंजाबी 69, दूसरों के गाए गानों के संस्करण 38 और अन्य 48 शामिल हैं। इन गानों की कुल संख्या 6550 बताई जाती है।
लता दीनानाथ मंगेशकर इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ म्यूजिक व म्यूजियम में लता मंगेशकर के सारे गानों का इतिहास भी संजोने की कोशिश की जा रही है। लता मंगेशकर अपने गाए हर गाने को खुद अपने हाथ से कागज पर लिखती रहीं हैं और उन कागज पर उनके लिखे नोट्स, आरोह अवरोह के लिए बनाए गए चिन्ह आदि भी मौजूद रहे हैं। लता मंगेशकर द्वारा अपने जीवन काल में प्रयोग में लाई गई वस्तुओं, वाद्ययंत्र, पुस्तकों और ईश्वर प्रतिमाओं क भी इस म्यूजियम में संग्रहीत किया जाएगा।
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