नई दिल्ली (New Delhi)। इंटरनेशनल बैंकों (International Banks) को अब भारतीय अमीरों (Indian rich) के पैसे पसंद नहीं आ रहे हैं. आरबीआई के नए नियमों (New rules of RBI) ने भारतीय अमीरों को बहुत ज्यादा पैसा विदेश भेजने पर शिकंजा (Crackdown on sending too much money abroad) कसा है. इसके चलते कभी भारतीय पैसों से भरे रहने वाले बैंकों को अब कम संख्या में आ रही रकम भा नहीं रही है. हाल ही में ब्रिटेन के दो बैंकों, एक स्विस और एक यूएई के बैंक (Bank of UAE.) ने लगभग दो दर्जन भारतीयों से अपने अकाउंट बंद करने का आग्रह किया है।
विदेशी बैंकों की भारतीय पैसों में रुचि हुई कम
केंद्रीय बैंक आरबीआई (Reserve Bank of India) की एलआरएस (Liberalised Remittance Scheme) ने विदेशी बैंकों की भारतीय पैसों में रुचि कम कर दी है. इसलिए बड़े बैंक अब भारतीय रईसों के खातों से दूरी बना रहे हैं. आरबीआई ने विदेशों में बिना किसी वजह के फंड रखने पर शिकंजा कैसा है. इसके चलते विदेशी बैंकों को लाभ नहीं हो पा रहा है. ये इंटरनेशनल बैंक विदेशी क्लाइंट्स से ज्यादा मिनिमम बैलेंस रखवाते हैं. मगर, भारतीय क्लाइंट अब ऐसा नहीं कर पा रहे हैं. इसलिए कई बड़े बैंक उनके खाते बंद कर रहे हैं।
2 महीने में लगभग दो दर्जन भारतीयों के खाते बंद
इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 2 महीने में लगभग दो दर्जन भारतीयों के खाते बंद कर दिए गए हैं. यह जानकारी इन अमीरों को टैक्स सलाह एवं सेवा प्रदाताओं ने दी है. आरबीआई की एलआरएस के तहत भारतीय एक साल में 2.5 लाख डॉलर विदेश में भेज सकते हैं. इन पैसों का इस्तेमाल स्टॉक या प्रॉपर्टी खरीदने और परिजनों की देखभाल में किया जा सकता है।
कई विदेशी बैंक में मिनिमम बैलेंस 10 लाख डॉलर
उधर, कई विदेशी बैंक में मिनिमम बैलेंस 10 लाख डॉलर कर दिया गया है. इसलिए अब ये बैंक भारतीयों का पैसा रखने में सकुचाने लगे हैं. विदेशी बैंक इस मिनिमम बैलेंस का इस्तेमाल स्टॉक समेत कई जगह निवेश कर पैसा कमाते हैं. मगर, आरबीआई की नई स्कीम के चलते अब भारतीयों का पैसा विदेशी बैंक निवेश नहीं कर पा रहे हैं और उन्हें आय नहीं हो पा रही है।
पैसे भेजकर प्रॉपर्टी खरीद रहे इंडियन
भारतीयों ने इन बैंकों में एलआरएस के तहत भेजे पैसे से ज्यादातर प्रॉपर्टी खरीदी है साथ ही यह पैसा परिजनों को दिया है. इसलिए इन विदेशी बैंकों ने भारतीयों को कोई अन्य अकाउंट बताने को कहा है जिसमें बकाया पैसा भेज दिया जाए और अकाउंट बंद हो सके. इस संबंध में खाताधारकों को ई-मेल भेजे हैं. आरबीआई के नए नियमों के मुताबिक, यदि विदेशी अकाउंट में पैसा 180 से पड़ा है तो उसे वापस लाना होगा. सिंगापुर बैंक ने भी अपने कस्टमर्स से ऐसी ही अपील की है. विदेशी बैंक लो बैलेंस वाले अकाउंट का परिचालन नहीं करना चाहते।
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