नई दिल्ली (New Delhi)। कर्नाटक सरकार(Karnataka Government) और कांग्रेस पार्टी(congress party) में घमासान मचा हुआ है। वहां मुख्यमंत्री(Chief Minister) बदलने की मांग तेज(Demand intensifies) हो गई है। सीएम सिद्धारमैया(CM Siddaramaiah) की अपने डिप्टी डेकी शिवकुमार की वर्चस्व की लड़ाई उजागर होने के बाद कांग्रेस आलाकमान आलोचनाओं का सामना कर रहा है। आलोचकों का कहना है कि केंद्रीय नेतृत्व अंदरूनी कलह को दूर करने में विफल रहा है। शिवकुमार को उम्मीद है कि सिद्धारमैया सरकार के पांच साल के कार्यकाल के बीच में ही अपना पद छोड़ देंगे, लेकिन सिद्धारमैया ने पद छोड़ने की कोई इच्छा अभी तक नहीं दिखाई है।
आपको बता दें कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के बीच सीएम पद के लिए रस्साकशी बीते विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के साथ ही शुरू हो गई थी। दोनों ही नेताओं ने अभी तक सार्वजनिक रूप से बहुत कम ही बोला है, लेकिन दोनों के समर्थकों ने और उपमुख्यमंत्रियों की मांग करके आग को सुलगाए रखा है।
पिछले साल विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की शानदार जीत के तुरंत बाद डीके शिवकुमार ने कथित तौर पर सीएम पद के लिए आलाकमान पर दबाव बनाया। हालांकि, उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद देकर फिलहाल के लिए शांत कर दिया गया। लेकिन अब सिद्धारमैया के करीबी लोग अतिरिक्त उपमुख्यमंत्री पद की मांग कर रहे हैं। इसके डीके शिवकुमार के प्रभाव को कम करने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। वहीं, शिवकुमार के समर्थक चाहते हैं कि सिद्धारमैया इस्तीफा दें और कनकपुरा के मजबूत नेता को बागडोर सौंप दें।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि, “कार्रवाई की यह कमी शासन को प्रभावित कर रही है क्योंकि अनिश्चितता बनी हुई है। हाईकमान को दोनों ही नेताओं से बात करनी चाहिए और बदलाव के बारे में स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए और अटकलों पर विराम लगाना चाहिए।”
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