भोपाल। मध्य प्रदेश की कुछ सीटों पर इस बार रोचक मुकाबला होने वाला है। इनमें से ज्यादातर ग्वालियर-चंबल संभाग में हैं। उपचुनाव में कुल 9 ऐसी सीटें हैं, जहां कोई भी प्रत्याशी जीते वो जीत दलबदलू की ही होगी। प्रदेश की 9 विधानसभा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों ने दूसरे दलों से आए प्रत्याशियों को मैदान में उतारा है। इनमें से ज्यादातर कांग्रेस और भाजपा के दलबदलू हैं, जो भाजपा से कांग्रेस और कांग्रेस से भाजपा में गए हैं। मध्य प्रदेश की 28 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने जा रहा है। इनमें 9 विधानसभा सीटों पर रोचक मुकाबला होगा। मुरैना जिले की सुमावली और अंबाह सीट, ग्वालियर जिले की ग्वालियर पूर्व और डबरा सीट, दतिया जिले की भांडेर, शिवपुरी जिले की करैरा, गुना जिले की बमौरी, सागर जिले की सुरखी, इंदौर जिले की सांवेर विधानसभा सीटों पर दलबदलू की जीत तय है।
दलबदलुओं पर भाजपा का जवाब
इन सीटों पर भाजपा ने कांग्रेस से आए नेताओं को उम्मीदवार बनाया है, तो कांग्रेस ने भी भाजपा से आए 6, बसपा के 2 और बहुजन संघर्ष दल से आए 1 नेता को टिकट दिया है। भाजपा के नेता राज्यमंत्री भारत सिंह कुशवाहा का कहना है कि हमने कांग्रेस से आए जिन प्रत्याशियों को चुनाव मैदान में उतारा है, उन्होंने बड़ा त्याग और बलिदान दिया है। भारत सिंह के मुताबिक आज के दौर में लोग सरपंच पद नहीं छोड़ते, ऐसे में जिन लोगों ने मंत्री और विधायक पद छोड़कर भाजपा का दामन थामा है, उनका टिकट पर वैधानिक हक बनता है। पार्टी की ऐसे लोगों को टिकट देने की नैतिक जिम्मेदारी है।
निस्वार्थ भाव से आए नेता: कांग्रेस
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पूर्व मंत्री लाखन सिंह यादव का कहना है कांग्रेस छोड़ भाजपा में गए लोगों ने मंत्री विधायक पद का सौदा कर भाजपा ज्वाइन की है, लेकिन हमारी पार्टी में भाजपा या अन्य पार्टी के लोग निस्वार्थ भाव से आए हैं। इसलिए हमने इन 9 सीटों पर भाजपा या अन्य दलों से आए उम्मीदवार उतारे हैं। जनता इनको आशीर्वाद देगी और कांग्रेस से दगाबाजी कर भाजपा के टिकट पर चुनाव लडऩे वालों को जनता सबक सिखाएगी।
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