भोपाल। प्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। हर सीट महत्वपूर्ण है। लेकिन ग्वालियर अंचल की 6 सीटों पर सभी की निगाह अधिक है। क्योंकि इन क्षेत्रों से वर्तमान भाजपा की प्रदेश सरकार के मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं। खासबात यह है कि मंत्रियों के क्षेत्रों पर मुख्यमंत्री से लेकर केन्द्रीय मंत्री, प्रदेशाध्यक्ष व राज्य सभा सांसद की प्रतिष्ठा भी इन मंत्रियों की जीत व हार से जुड़ी हुई है। इससे इन क्षेत्रों में मुकाबला रोचक होता जा रहा है। सीएम से लेकर सभी नेता अन्य प्रत्याशियों के मुकाबले मंत्रियों के क्षेत्र में बार बार जा रहे हैं। क्योंकि यदि इन मंत्रियों के साथ ऊंच नीच होती है तो दिग्गज नेताओं के कद पर भी असर पड़ेगा। इसलिए सभी मंत्रियों के क्षेत्रों पर खास नजर है। सुमावली विधानसभा सीट से एदल सिंह कंषाना भाजपा प्रत्याशी हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 12 सितंबर को सुमावली के छैरा में सभा के लिए पहुंचे थे। इसके बाद मुख्यमंत्री 11 अक्टूबर को फिर से छैरा गांव में पहुंच रहे हैं। इसके बाद उनका कार्यक्रम 15 अक्टूबर को सुमावली क्षेत्र के ही बागचीनी में बन रहा है। ऐसे में मंत्री की जीत के लिए मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश के सभी दिग्गज कितने सक्रिय व संवेदनशील है। इससे स्थिति का अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है।
इसलिए भी अधिक दौरे
भाजपा ने उन्हीं मंत्रियों व पूर्व विधायकों को प्रत्याशी बनाया है जो कांग्रेस से आए हैं। चूंकि कांग्रेस से उम्मीदवार रहते इन लोगों ने बड़े अंतर से हराया था। ऐसे में भाजपा के नेताओं को जीत के साथ साथ 2018 के जीत अंतर को भी बनाए रखने का दवाब है। इसलिए भी वे मंत्रियों के क्षेत्र में लगातार दौरे कर रहे हैं।
इन दिग्गज नेताओं की प्रतिष्ठा लगी है दांव पर
- शिवराज सिंह चौहान: उपचुनाव प्रदेश के मुख्यमंत्री के पद के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि भाजपा अच्छी सीट जीतती है तो ही वे पद पर रहेंगे। सुमावली विधानसभा में जाने के कार्यक्रम इसलिए अधिक बन रहे हैं, क्योंकि पीएचई मंत्री ऐदल सिंह उन्हीं के माध्यम से कांग्रेस में आए थे। साथ ही ऐदल सिंह के विरोध में अप्रत्यक्ष रूप से कांग्रेस के दिग्गज नेता व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह क्षेत्र में सक्रिय हैं।
- नरेन्द्र सिंह तोमर: केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ग्वालियर चंबल के भाजपा के बड़े नेता है। साथ ही मुरैना उनके अधिक प्रभाव वाला क्षेत्र है। 2018 में उनके सक्रिय होने के बाद भी भाजपा को एक सीट नहीं मिली थी। साथ ही सबसे अधिक प्रभाव वाली सीटें अंबाह व दिमनी भी 2013 से भाजपा हार रही है। इसलिए भी इनकी प्रतिष्ठा दांव पर है।
- वीडी शर्मा: भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मुरैना के रहने वाले हैं। इसलिए ग्वालियर के अलावा मुरैना की सीटों को लेकर उनकी भी प्रतिष्ठा दांव पर है। खासतौर से उनका गांव दिमनी क्षेत्र में आता है। इसलिए दिमनी सीट को लेकर अधिक भार है।
- ज्योतिरादित्य सिंधिया: कांग्रेस सरकार को गिराने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक 13 में से 11 सीटों पर है। इनमें छह मंत्री भी हैं। इसलिए उपचुनाव उनके लिए खास है। यदि उनके समर्थकों की सफलता व विफलता भाजपा में उनके कद व क्षेत्र में उनके प्रभाव को तय करेगी।
कहां पर कौन मंत्री लड़ रहा है चुनाव
- सुमावली: यहां से पीएचई मंत्री ऐंदल सिंह कंषाना चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में करीब 13 हजार से अधिक मतों से जीते थे। ऐंदल सिंह कंषाना का मुकाबला कांग्रेस से अजब सिंह से है। अजब सिंह व कंषाना तीसरी बार आमने सामने हैं। इस सीट पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं और एक बार फिर रविवार को गए हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा दो दो बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।
- दिमनी: यहां से कृषि राज्य मंत्री गिर्राज डंडोतिया चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में करीब 18 हजार से अधिक मतों से जीते थे। डंडोतिया का मुकाबला यहां उनके साथ कांग्रेस में रहे चिरपरिचित प्रतिद्वंदी रवींद्र सिंह तोमर से हो रहा है। दो बार दोनों आमने सामने आ चुके हैं। यहां मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया दो बार, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह चार बार व प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा दो बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।
- मेहगांव: यहां से नगरीय विकास व आवास राज्य मंत्री ओपीएस चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में करीब 25 हजार से अधिक मतों से जीते थे। भदौरिया का मुकाबला यहां उनके साथ कांग्रेस में युवा हेमंत कटारे से हो रहा है। यहां अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया दो बार, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह दो बार व वीडी शर्मा भी दो बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।
ग्वालियर: यहां से ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में करीब 20 हजार से अधिक मतों से जीते थे। तोमर का मुकाबला यहां उनके साथ कांग्रेसी व कभी सिंधिया समर्थक रहे सुनील शर्मा से हो रहा है। यहां अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया दो बार, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह दो बार व वीडी शर्मा भी एक बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं। - डबरा: यहां से कैबिनेट मंत्री इमरतीदेवी चुनाव लड़ रही हैं। 2018 में करीब 56 हजार से अधिक मतों से जीती थी। इमतरी देवी का मुकाबला यहां उनके भाजपा से कांग्रेस में आए सुरेश राजे से होगा। सुरेश राजे रिश्ते में उनके समधी भी हैं। यहां अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया,, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह व वीडी शर्मा भी दो बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।
- पोहरी: यहां से लोक निर्माण मंत्री सुरेश धाकड चुनाव लड़ रहे हैं। 2018 में करीब 8 हजार से अधिक मतों से जीते थे। धाकड़ का मुकाबला यहां उनके साथ कांग्रेस में हरिवल्लभ शुक्ला से हो रहा है। यहां अभी तक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह एक बार आ चुके हैं। इसके साथ ही ज्योतिरादित्य सिंधिया, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह व वीडी शर्मा भी दो बार क्षेत्र में पहुंच चुके हैं।