नई दिल्ली। छोटी बचत योजनाओं (Small savings schemes) में ब्याज बढ़ोतरी (Interest Rate Increase) की आस लगाए बैठे लोगों को इस बार कुछ राहत मिल सकती है। माना जा रहा है कि सरकार (Government.) डाकघर बचत खाता (Post Office Savings Account), सुकन्या समृद्धि योजना (Sukanya Samriddhi Yojana) समेत अन्य योजनाओं की ब्याज दरों में इजाफा (Interest Rate Increase) करके लोगों को ज्यादा बचत करने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार महंगाई से परेशान लोगों को राहत देने के लिए सरकार इन योजनाओं की ब्याज दरें बढ़ा सकती है। देश की जीडीपी को बढ़ाने के लिए सरकार पूंजीगत व्यय बढ़ाने पर जोर दे रही है। सरकार को इन योजनाओं से काफी बड़ी राशि प्राप्त होती है। बढ़ी दरें लोगों को इन योजनाओं में पैसा जमा कराने के लिए प्रेरित करेंगी।
जानकारों के मुताबिक बड़ी संख्या में रिटायर्ड लोग इन योजनाओं में निवेश करते हैं। सरकार पर छोटे बचतकर्ताओं को लाभ पहुंचाने के लिए ब्याज दरों में वृद्धि करने का दबाव है। घरेलू बचत को प्रोत्साहित करने की दिशा में एक कदम होगा। हालांकि इससे सरकारी व्यय में वृद्धि होगी।
पिछली तीन तिमाहियों से बदलाव नहीं हुआ
चालू वित्त वर्ष की तीन तिमाहियों सरकार ने ब्याज दरों में किसी तरह का बदलाव नहीं किया है और इन्हें यथावत रखा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यदि ब्याज दर में बढ़ोतरी होती तो यह घरलू बचत को प्रोत्साहित करने का संकेत होता, जो कि पिछले कुछ वर्षों से सुस्त पड़ी है। हालांकि, सरकार को यह भी देखना होता है कि उसके पास उच्च ब्याज भुगतान को प्रबंध करने की कितनी क्षमता है।
जनवरी में दो योजनाओं की दरें बढ़ीं थीं
वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही यानी जनवरी-मार्च के लिए भी केंद्र सरकार ने सिर्फ दो योजनाओं की ही ब्याज दरें बढ़ाई थीं। इनमें लोकप्रिय सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर को आठ फीसदी से बढ़ाकर 8.20 प्रतिशत किया गया था। इसके अलावा तीन साल वाली सावधि जमा यानी एफडी के लिए ब्याज दरें सात फीसदी से बढ़ाकर 7.15 प्रतिशत की गई थी।
पीपीएफ की दरों में चार साल से बदलाव नहीं
पीपीएफ दरों में पिछले चार वर्षों से कोई बदलाव नहीं किया गया। अप्रैल-जून 2020 में पिछला बदलाव किया गया था, जब इसे 7.9 से घटाकर 7.1 कर दिया गया था। कोरोना काल में सरकार ने कई बचत योजनाओं की ब्याज दरों में संशोधन करके उन्हें घटा दिया था। तब से पीपीएफ की ब्याज दर 7.1 पर बनी हुई है। दरों में कई संशोधन हुए लेकिन पीपीएफ में बदलाव नहीं हुआ।
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