• img-fluid

    जून के आखिर में बढ़ सकता है पीपीएफ-सुकन्‍या जैसी योजनाओं पर ब्‍याज

  • June 24, 2022


    नई दिल्‍ली: पीपीएफ-सुकन्‍या जैसी छोटी बचत योजनाओं में पैसे लगाने वाले निवेशकों के लिए अच्‍छी खबर है. एफडी, रेपो रेट सहित अन्‍य ब्‍याज दरें बढ़ने के बाद अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि अब सरकारी बचत योजनाओं पर भी ब्‍याज बढ़ेगा. दरअसल, विभिन्‍न मेच्‍योरिटी वाली सरकारी प्रतिभूतियों पर यील्‍ड यानी प्रतिफल में बड़ा इजाफा हुआ है.

    सरकार की छोटी बचत योजनाओं की ब्‍याज दरें भी इन प्रतिभूतियों से जुड़ी होती हैं. ऐसे में पूरी संभावना है कि 30 जून को सरकार अगली तिमाही के लिए इन बचत योजनाओं की ब्‍याज दरों में इजाफा कर दे. महामारी के दबाव में पिछले दो साल से इन योजनाओं की ब्‍याज दरों में कोई बदलाव नहीं हुआ है. वैसे सरकार हर तिमाही में इनकी ब्‍याज दरों में बदलाव करती है.

    इन योजनाओं में बढ़ेगा निवेश
    रेटिंग एजेंसी इक्रा की मुख्‍य अर्थशास्‍त्री अदिति नायर का कहना है कि लघु बचत योजनाओं पर ब्‍याज दरें बढ़ने से वरिष्‍ठ नागरिकों, किसानों के साथ ल‍ड़कियों के नाम खोले जाने वाले सुकन्‍या निवेशकों को भी लाभ होगा. साथ ही इन योजनाओं में निवेश भी बढ़ेगा. नायर ने कहा, इससे डेट बाजार की उधारी पर भी रोक लगाने में मदद मिलेगी और बॉन्‍ड बाजार पर भी दबाव कम होगा. इतना ही नहीं सरकारी प्रतिभूतियों की बढ़ती यील्‍ड पर भी रोक लगाई जा सकेगी. उन्‍होंने अनुमान लगाया कि सरकार का कुल राजकोषीय घाटा चालू वित्‍तवर्ष में 1 लाख करोड़ रुपये से कम रह सकता है.


    इन बचत योजनाओं पर मिलेग लाभ
    सरकार ने इस महीने के आखिर में छोटी बचत योजनाओं पर ब्‍याज दरें बढ़ाईं तो करीब आधा दर्जन योजनाओं में निवेश करने वालों को इसका फायदा मिलेगा. इसमें पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पीपीएफ, 1 से 3 साल और 5 साल वाली रिकरिंग डिपॉजिट (आरडी), वरिष्‍ठ नागरिक वय वंदन योजना, सुकन्‍या समृद्धि योजना, नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (एनएससी), सीनियर सिटीजन सेविंग स्‍कीम और किसान विकास पत्र जैसी योजनाएं शामिल हैं.

    सरकारी प्रतिभूतियों पर डेढ़ गुना हो गया है ब्‍याज
    पिछले कुछ समय में बॉन्‍ड बाजार पर दबाव बढ़ने और रेपो रेट में बढ़ोतरी किए जाने के बाद सरकारी प्रतिभूतियों पर प्रतिफल भी करीब डेढ़ गुना बढ़ गया है. सितंबर से नवंबर 2021 तक प्रतिभूतियों की ब्‍याज दर 3.5 फीसदी से 5.69 फीसदी थी, जो दिसंबर 2021 से फरवरी 2022 तक बढ़कर 3.88 फीसदी से 6 फीसदी के दायरे में आ गई. इसके बाद मार्च से मई 2022 तक इसका प्रतिफल बढ़कर 5.26 फीसदी से 6.79 फीसदी तक पहुंच गया.

    Share:

    कहीं आपका बच्च भी तो नहीं साइबर गेमिंग का शिकार...!

    Fri Jun 24 , 2022
    इंदौर में बढ़ रहे साइबर गेमिंग से जुड़े मामले इंदौर, नासेरा मंसूरी। मोबाइल में गेम खेलते वक्त टास्क पूरे करने के चक्कर में बच्चों की आत्महत्या के मामले तो सामने आ ही रहे हैं, इसी के साथ शहर में कुछ ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिसमें मोबाइल पर गेम खेलते वक्त बच्चों ने गैजेट्स […]
    सम्बंधित ख़बरें
  • खरी-खरी
    रविवार का राशिफल
    मनोरंजन
    अभी-अभी
    Archives
  • ©2024 Agnibaan , All Rights Reserved