चंडीगढ़ (Chandigarh) । पंजाब (Punjab) में खालिस्तान आंदोलन (Khalistan movement) से जुड़े लोगों की गतिविधियां चिंताजनक तरीके से बढ़ रही हैं। तमाम खुफिया रिपोर्ट (intelligence report) इस बात का संकेत कर रही हैं कि खालिस्तान आंदोलन से जुड़े लोग अलग-अलग देशों में बैठे खालिस्तान समर्थको के संपर्क में हैं। केंद्रीय एजेंसियों की नजर पूरी तरह से पंजाब के अलग अलग इलाको में सक्रिय खालिस्तान समर्थको पर है। इनकी बाकायदा सूची तैयार की गई है। इसके आधार पर ही पिछले दिनों खालिस्तान टाइगर फोर्स पर यूएपीए के तहत प्रतिबंध लगाया गया था और बब्बर खालसा इंटरनेशनल से जुड़े हरविंदर सिंह संधू को आतंकी घोषित किया गया था।
सूत्रों ने कहा, पंजाब में खालिस्तान समर्थको की गतिविधियों के मद्देनजर सुरक्षा व खुफिया एजेंसियों को खास सतर्कता बरतने को कहा गया है। पंजाब की स्थिति पर चर्चा डीजी सम्मेलन में भी हुई थी। इसके अलावा एनआईए भी खालिस्तानी गठजोड़ को लेकर लगातार नजर बनाए हुए है। एनआईए इस संबंध में छापेमारी (raid) करके कई अहम सूत्र भी खंगाल चुका है। आईबी और रॉ लगातार खालिस्तान समर्थको की गतिविधि पर इनपुट एकत्र कर रही हैं। इसके अलावा कनाडा, ब्रिटेन, पाकिस्तान, अमेरिका (Britain, Pakistan, America), सहित अलग अलग देशों में बैठे खालिस्तानी समर्थको को लेकर कूटनीतिक स्तर पर भी सक्रियता बनी हुई है।
एक अधिकारी ने कहा, डीजी बैठक के दौरान सीमावर्ती इलाकों में पाकिस्तान की नापाक हरकत और आईएसआई की खालिस्तान को सक्रिय करने के लिए लगातार कोशिश को लेकर आगाह किया गया था। भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक पाकिस्तान की आईएसआई पंजाब समेत देश में अशांति फैलाने के लिए कनाडा में बैठे खालिस्तानियों और गैंगस्टर की मदद ले रहा है।
खुफिया सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान ने दुनिया भर में मौजूद अपने दूतावासों और हाई कमीशन के जरिये खालिस्तानी समर्थकों और आतंकियों को मदद करने के साथ-साथ उन्हें फंडिंग और हथियार भी मुहैया करा रहा है। खालिस्तानी संगठनों ने सैकड़ों की संख्या में फेक ट्विटर हैंडल बनाए हैं, जिससे सोशल मीडिया पर खालिस्तान के समर्थन वाले पोस्ट किए जाते हैं।
खालिस्तान से जुड़े हैशटैग को सोशल मीडिया पर ट्रेंड कराने के लिए फर्जी ट्विटर अकाउंट का सहारा खालिस्तानी ग्रुप लेते हैं। पिछले साल 10 सिंतबर से 10 अक्टूबर के बीच में खालिस्तान रेफरेंडम के समर्थन में 29032 ट्वीट किये गये। प्रतिबंधित संगठन खालिस्तान टाइगर फोर्स को भी पंजाब में अशांति फैलाने का जिम्मा सौंपा गया था। इसका काम पंजाब में टारगेट किलिंग और विभिन्न आतंकी गतिविधियों को बढ़ाने का भी रहा है। लिहाजा प्रतिबंध के बाद केंद्रीय एजेंसियां इसके गुर्गों पर भी नकेल कसने के लिए सक्रिय हैं।
सूत्रों ने कहा, सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन कनाडा, अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन में रहकर भारत के खिलाफ प्रोपेगंडा फैला रहे हैं। पंजाब में आतंकवाद को सक्रिय करने के लिए आईएसआई की शह पर लश्कर-ए-खालसा बनाया गया है। आईएसआई ने कश्मीर खालिस्तान डेस्क भी बनाई है जिसके तहत कश्मीर और पंजाब में टारगेट की साझा रणनीति बनती है।
इसी रणनीति का खुलासा होने पर कुछ महीने पहले एनआईए ने पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, इंटरनेशनल सिख यूथ फेडरेशन की गतिविधियों और उनके नेटवर्क को खंगालने के लिए छापेमारी की थी। तरनतारन, अमृतसर और फिरोजपुर से एजेंसियों को इनके नेटवर्क के ठोस सुराग मिले थे। यह भी पता चला था कि इन आतंकी संगठनों द्वारा कश्मीर में हथियार भेजे गए थे।
गौरतलब है कि खालिस्तानी समर्थक गुपचुप तरीके से हिमाचल प्रदेश में भी सक्रिय होने की जुगत में हैं।
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