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    वंचित वर्गों के विकास के लिए हो बौद्धिक चिंतन

  • April 29, 2022

    • राज्यपाल ने पीएच.डी. कॉलोक्वियम के प्रथम-सत्र को किया संबोधित

    भोपाल। राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा है कि वंचित वर्गों के विकास के लिए बौद्धिक चिंतन पर बल दिया जाना जरूरी है। शरीर के किसी भी अंग में समस्या होने से व्यक्ति अस्वस्थ हो जाता है। उसी तरह समावेशी समाज में उसके सभी सदस्यों, समुदाय और वर्ग का विकसित और मज़बूत होना जरूरी है। उन्होंने कहा कि पीएच.डी. कॉलोक्वियम के विषय देश, समाज की खुशहाली और विकास का रास्ता है। पीएच.डी. शोध संगोष्ठी के बौद्धिक चिंतन की सार्थकता देश और समाज के लिए उपयोगी अनुसंधान में है। अत: संगोष्ठी का विचार-विमर्श पीएच.डी. शोधकर्ता और विषय-विशेषज्ञों तक सीमित नहीं रहे, उसका देश और समाज में व्यापक प्रसार होना चाहिए।



    पटेल प्रशासन अकादमी में अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन एवं नीति विश्लेषण संस्थान द्वारा भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के सहयोग से आयोजित पीएच.डी. कॉलोक्वियम के प्रथम-सत्र को संबोधित कर रहे थे। पटेल ने कहा कि राष्ट्र और समाज के विकास में ज्ञान और बौद्धिकता का जितना ज्यादा उपयोग होगा, देश और समाज का उतनी तेजी से विकास होगा। ग्रामीणों के लिए समृद्ध पर्यावरण के साथ स्थायी आजीविका के लिए लाभकारी स्व-रोजगार के अवसर पैदा करने होंगे। ग्रामीणों को शहर की सुविधाओं और गाँव की आत्मा वाला गुणवत्तापूर्ण जीवन उपलब्ध कराने के प्रयास जरूरी हैं। उन्होंने संगोष्ठी के विषयों की सराहना करते हुए कहा कि सभी विषय प्रदेश के विकास और लोगों की खुशहाली का रास्ता हैं। इन पर चिंतन के लिए विषय-विशेषज्ञों और शोधकर्ताओं को बौद्धिक मंथन का मंच उपलब्ध कराना सराहनीय पहल है।

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