नई दिल्ली। नए साल से किसी भी तरह की बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए KYC देना जरूरी होगा। इसके बिना ग्राहक कोई भी पॉलिसी नहीं खरीद सकेंगे। भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDA) ने कहा कि एक जनवरी से जीवन बीमा, वाहन और स्वास्थ्य समेत सभी तरह की बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए ग्राहकों को केवाईसी देना जरूरी होगा।
अभी किसी भी गैर-जीवन या सामान्य बीमा जैसे स्वास्थ्य, वाहन या फिर यात्रा बीमा पॉलिसी खरीदने के लिए केवाईसी की जरूरत नहीं होती है। हालांकि, अगर किसी स्वास्थ्य बीमा के संबंध में क्लेम (दावा) एक लाख रुपये से ज्यादा है तो ऐसी स्थिति में पॉलिसीधारकों के लिए पैन और आधार कार्ड देना जरूरी होता है।
इरडा के फैसले का मतलब कि क्लेम से पहले अब पॉलिसी खरीदते समय ही केवाईसी का नियम लागू होगा। यह नियम उन पर भी लागू होगा, जिनके पास पहले से पॉलिसी है। अगर कम जोखिम वाली पॉलिसी है तो पॉलिसीधारक के लिए दो साल के भीतर केवाईसी पूरा करना होगा। अन्य ग्राहकों व ज्यादा जोखिम वाली पॉलिसियों के ग्राहकों के लिए एक साल का समय दिया गया है। इसके लिए बीमा कंपनी को संदेश और ईमेल से जानकारी देनी होगी।
नवीनीकरण के लिए भी केवाईसी जरूरी
इस नियम के मुताबिक, अगर आपकी पॉलिसी का नवीनीकरण एक जनवरी, 2023 के बाद होना है तो आपको केवाईसी करानी होगी। इसके लिए फोटो पहचान पत्र और पता (एड्रेस) संबंधी दस्तावेज बीमा कंपनी के पास जमा कराना होगा। अगर आप केवाईसी नहीं देते हैं तो न तो आप नई पॉलिसी खरीद पाएंगे और न ही नवीनीकरण करा पाएंगे।
50,000 से ज्यादा प्रीमियम पर देना होता है पैन कार्ड
अभी ऐसे पॉलिसीधारकों को पैन कार्ड या फॉर्म 60 जमा कराना होता है, जिनका किसी एक वित्त वर्ष में 50,000 रुपये या इससे ज्यादा प्रीमियम होता है। जानकारों का कहना है कि इस नए दिशा निर्देश से दावों का फटाफट निपटान होगा। इससे ग्राहकों को फायदा होगा। साथ ही किसी तरह की धोखाधड़ी से भी बचने में मदद मिलेगी। दावों के समय पॉलिसीधारकों को किसी भी केवाईसी को देने की जरूरत नहीं होगी। बीमा कंपनियों के लिए यह राहत होगी कि वे कभी भी ग्राहकों की अलग-अलग पॉलिसी से जुड़े इतिहास को देख सकेंगे।
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