नई दिल्ली। बीमा सेक्टर में पैसा (Money in insurance sector) लगाने वाले ग्राहकों को ठगी से बचाने (Protect customers from fraud) के लिए अब हर ग्राहक को एक यूनिक हेडर वाली पहचान या आईडेंटिटी अलॉट (Identity or Identity Allot with unique header) की जाएगी। इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (आईआरडीएआई) ने इस संबंध में बीमा क्षेत्र में काम करने वाली सभी कंपनियों को इस बाबत निर्देश जारी कर दिया है।
आईआरडीएआई सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक बीमा सेक्टर में ठगी और जालसाजी को रोकने के लिए प्राधिकरण ने फेक मैसेज और फर्जी फोन कॉल्स पर लगाम लगाने की तैयारी कर ली है। इसके लिए हर बीमा कंपनी के लिए एक यूनिक हेडर वाली आडेंटिटी जारी की जाएगी, जिसके जरिये स्पैम (फेक) मैसेज या फर्जी कॉल्स की आसानी से पहचान की जा सकेगी। बीमा कंपनी की यूनिक आईडी के विस्तार के रूप में ग्राहक को भी एक यूनिक आईडी पॉलिसी लेते वक्त मिलेगी। इन दोनों आईडी के एक साथ इस्तेमाल होने पर ही बीमा कंपनियों का ग्राहक से संपर्क हो सकेगा।
ग्राहकों से संपर्क करने के लिए बीमा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां इसी यूनिक आईडी (आइडेंटिटी) का इस्तेमाल करेंगी। कंपनियों को ग्राहकों को अपनी आईडी के बारे में तफसील से जानकारी भी देनी होगी, ताकि ग्राहको खुद को संतुष्ट समझ सके। बताया जा रहा है कि ग्राहकों को फ्रॉड से बचाने के लिए भारतीय बीमा विनियामक और विकास प्राधिकरण (आईआरडीएआई) ये पहल कर रही है। इसके तहत बीमा कंपनियों को टेलीकॉम ऑपरेटर से यूनिक आईडी लेनी होगी। इस आईडी के लिए जरूरी टेम्पलेट्स का रजिस्ट्रेशन 5 अप्रैल तक पूरा कर लेने का निर्देश दिया गया है। रजिस्ट्रेशन नहीं कराने पर कंपनियों को अपने ग्राहकों को मैसेज भेजने या कॉल करने में परेशानी होगी।
बीमा सेक्टर से जुड़े लोगों के मुताबिक हाल के दिनों में ऑनलाइन ठगी का धंधा करने वालों ने बीमा पॉलिसी के नाम पर भी लोगों को चूना लगाना शुरू कर दिया है। ये जालसाज लोगों को बीमा पॉलिसी पर बोनस मिलने का झांसा देकर ठगी का शिकार बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि ग्राहकों की पॉलिसी पर लाखों का बोनस ऑफर होने की बात बताकर वे बोनस लेने के लिए उनसे टैक्स के रूप में पैसे ऐंठ रहे हैं। हालांकि अब यूनिक आईडी बन जाने के बाद किसी भी जालसाज के लिए ग्राहकों को अपने फंदे में फंसा पाना आसान नहीं होगा। (एजेंसी, हि.स.)
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