नई दिल्ली। कोरोना वायरस(Corona Virus) की दूसरी लहर(Second Waves) से देशभर में लोग घबराए हुए हैं. देश में 8 करोड़ से ज्यादा लोगों को कोरोना की वैक्सीन(Corona Vaccine) लग चुकी है. अभी 45 साल से ज्यादा उम्र वालों को वैक्सीन लगाई जा रही है. इसलिए वैक्सीन (Vaccine) लगवाने से पीछे नहीं हटें. दरअसल कुछ लोग कोविड-19 (Covid-19) के टीकाकरण (Vaccination) को लेकर भ्रम की स्थिति में हैं.
कोरोना का टीका (Corona Vaccine) लगने के बाद अगर आपकी तबीयत खराब हुई और आप अस्पताल में भर्ती हुए तो इसका खर्च हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी (Health Insurance Company) उठाएगी. भारतीय बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण (IRDAI) ने सभी बीमा कंपनियों को इस बाबत आदेश जारी कर दिया है.
दरअसल, IRDAI ने एक बयान में कहा, ‘यह संदेह जताया गया है कि अगर कोरोना की वैक्सीन लगाने के बाद किसी तरह के रिएक्शन से अस्पताल में भर्ती होना पड़े तो क्या हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी द्वारा कवर किया जाएगा?’ जिसपर इरडा का आदेश है कि कोविड-19 का टीका लगने के बाद प्रतिकूल असर से अस्पताल में भर्ती होने पर हेल्थ पॉलिसी होल्डर्स का खर्च कंपनियां उठाएंगी. गौरतलब है कि बीमा नियामक ने हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कोविड-19 के इलाज को शामिल कराया था, लेकिन इसमें टीके का खर्च शामिल नहीं किया गया था. लेकिन अब IRDAI ने अपने नोटिफिकेशन में साफ कर दिया है कि टीकाकरण के बाद रिएक्शन की वजह से किसी को अस्पताल में भर्ती होने पर उसे किसी अन्य बीमारी की तरह माना जाएगा और इसका खर्च बीमा कंपनी द्वारा कवर किया जाएगा. आम बीमा के अलावा कोरोना के चलते अस्पताल खर्चों को कवर करने के लिए दो स्पेशल बीमा योजना है. एक है कोरोना कवच (Corona Kavach) पॉलिसी जिसे सिर्फ जनरल और हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियां ऑफर करती हैं. जबकि दूसरी कोरोना रक्षक (Corona Rakshak) पॉलिसी जिसे कोई भी बीमा कंपनी ऑफर कर सकती है. आप कोरोना कवच पॉलिसी को इंडिविजुअल और फैमिली फ्लोटर के आधार पर ले सकते हैं. जबकि कोरोना रक्षक सिर्फ इंडिविजुअल पॉलिसी है. कोरोना से जुड़े बीमा खरीदने के लिए आप किसी भी बीमा कंपनी से संपर्क कर सकते हैं.