पुणे। महाराष्ट्र के पुणे जिले में एक स्मारक के पास जनवरी 2018 में हुई हिंसा की जांच कर रहे कोरेगांव भीमा आयोग ने एक आवेदन पर शिवसेना, कांग्रेस और भाजपा सहित राज्य के छह राजनीतिक दलों के प्रमुखों को सम्मन जारी करने का निर्देश दिया है। यह निर्देश एक अर्जी पर दिया गया है जिसमें कहा गया है कि सभी राजनीतिक दलों के प्रमुखों से चर्चा करना जरूरी है जिससे भविष्य में हिंसा की घटनाओं से बचने के उपाय सुझाने में सहायक होगी।
इन पार्टियों के प्रमुखों को समन जारी करने के निर्देश
आयोग के अधिवक्ता आशीष सतपुते ने आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) जयनारायण पटेल के समक्ष एक अर्जी दी थी जिसमें शिवसेना, भाजपा, वंचित बहुजन आघाड़ी, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना, रिपब्लिक पार्टी ऑफ इंडिया (ए) के प्रदेश प्रमुखों तथा महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस कमेटी प्रमुख को समन जारी करने का निर्देश देने की मांग की गई थी।
जानें समन जारी करने के क्या हैं उद्देश्य
सतपुते ने अपने पत्र में कहा था कि (एक जनवरी 2018 को हुई) ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति से बचने के लिए जिला प्रशासन और पुलिस द्वारा उठाए जाने वाले लघु और दीर्घकालिक उपायों का सुझाव देने के वास्ते उपरोक्त राजनीतिक व्यक्तियों की उपस्थिति आयोग के समक्ष उपयोगी है।
सतपुते ने कहा कि अर्जी को स्वीकार करते हुए आयोग के अध्यक्ष ने राज्य के छह राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को समन जारी करने का निर्देश दिया है। वे व्यक्तिगत रूप से आयोग के समक्ष पेश हो सकते हैं या उनकी ओर से उनका कोई प्रतिनिधि पेश हो सकता है। सतपुते ने आदेश का हवाला देते हुए कहा आयोग के कार्यालय में 30 जून, 2022 तक एक हलफनामा दाखिल किया जाना है।
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