नई दिल्ली। दिल्ली हाई कोर्ट (Delhi High Court) ने फिल्म अभिनेत्री जूही चावला (film actress juhi chawla) की 5जी को लांच करने से रोकने की मांग करनेवाली याचिका खारिज (petition dismissed) करने के दौरान बीस लाख रुपये का जुर्माना जमा नहीं करने पर आश्चर्य जताया है। जस्टिस जेआर मिधा (Justice JR Midha) ने ये टिप्पणी जूही चावला की ओर से जुर्माना जमा करने का आदेश वापस लेने और कोर्ट फीस वापस करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान की।
सुनवाई के दौरान जब कोर्ट ने याचिका खारिज करने को कहा तो जूही चावला की ओर से पेश वकील मीत मल्होत्रा ने याचिका वापस लेते हुए कहा कि वे हफ्ते दस दिनों में जुर्माने की रकम जमा कर देंगी। तब कोर्ट ने कहा कि कोर्ट ने काफी उदार रुख अपनाते हुए केवल बीस लाख रुपये का जुर्माना लगाया है और अवमानना की प्रक्रिया शुरू नहीं की है। कोर्ट ने जूही चावला को एक हफ्ते के अंदर जुर्माने की रकम जमा करने का निर्देश दिया। मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।
विदित हो कि पिछले 4 जून को कोर्ट ने जूही चावला की याचिका को खारिज करते हुए 20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता न उचित कोर्ट फीस जमा नहीं किया है। ये करना कानून की स्थापित मान्यताओं के खिलाफ है। कोर्ट ने एक हफ्ते के अंदर कोर्ट फीस जमा करने का निर्देश दिया था। कोर्ट ने कहा था कि याचिका दायर करने के पहले सरकार को नोटिस देना चाहिए था। कोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता ने अपनी याचिका के पक्ष में कोई साक्ष्य नहीं दिया है।
बता दें कि याचिका में कहा गया था कि 5जी उपकरणों से रेडिएशन से लोगों के स्वास्थ्य के खराब होने की आशंका है। जूही चावला ने इस पर एक अध्ययन के हवाले से कहा था कि ये तकनीक काफी नुकसानदायक है। याचिका में कहा गया था कि ऐसा कोई अध्ययन नहीं किया गया है जो ये बता सके कि 5जी तकनीक मनुष्य के लिए सुरक्षित है। ऐसे में इस तकनीक को लांच करने से रोका जाए।
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