भोपाल। प्रदेश में जब स्कूल-कॉलेज प्रारंभ हो जाएंं तब वहाँ नशामुक्ति अभियान के अंतर्गत स्वयंसेवी संस्थाओं के सहयोग से जागरूकता अभियान चलाया जाये। डाक्यूमेन्ट्री फिल्म निर्माण कर उसे व्यापक स्तर पर प्रदर्शित किया जाये। इस अभियान में देश और प्रदेश के लोकप्रिय व्यक्तियों को भी जोड़ा जाये। नशामुक्ति के लिए व्यापक जनजागृति अभियान चलाया जाए। इस अभियान में समाज सेवियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और जनप्रतिनिधियों का सक्रिय सहयोग लिया जाए। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग के अधिकारियों को यह निर्देश दिए। चौहान ने कहा कि जिला-स्तर पर संचालित हो रहे दिव्यांग पुनर्वास केन्द्रों को सशक्त बनाया जाये। उनकी पहचान स्थापित हो। संभागीय स्तर पर ये केन्द्र सेन्टर आफ एक्सीलेंस के रूप में विकसित किये जाएं। दिव्यांगो और वरिष्ठजनों के लिये प्रदेश के 10 संभागीय मुख्यालयों के जिला चिकित्सालयों में फिजियोथेरेपी सेंटर्स विकसित किये जायें। उन्होंने कहा कि वृद्धों और दिव्यांगों के लिये संचालित हो रहे सभी केन्द्रों में समाजसेवी संस्थाओं और व्यक्तियों का सक्रिय सहयोग लिया जाये। समाज के महत्वपूर्ण व्यक्ति वृद्धाश्रम जाकर शादी की वर्षगांठ, जन्मदिन मनाने जैसे कार्यक्रम करें। ऐसे आयोजनों के लिये लोगों को प्रेरित किया जाये।
निजी क्षेत्र में दिव्यांगों को दिलाएं काम
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि निजी क्षेत्रों में दिव्यांगों को रोजगार दिलाने के प्रयास किये जाएं। दिव्यांग बेरोजगारों को प्रशिक्षण देकर रोजगार में स्थापित किया जाये। दिव्यांगों द्वारा निर्मित सामग्रियों के विक्रय के लिये स्थान और अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास हों। बैठक में बताया गया कि दिव्यांगजनों के लिये प्रदेश में 5 लाख 45 हजार यू.डी.आई.डी. कार्ड बनाये गये हैं।
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