प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने विद्युत विभाग मे सहायक ग्रेड तीन पद से इस्तीफा देने वाले सात कर्मियों की पुनर्वापसी की मांग पर नियुक्ति अधिकारी को दो माह मे निर्णय लेने का निर्देश दिया है। पुलिस उपनिरीक्षक पद पर नियुक्ति के बाद बिजली विभाग के इन सात कर्मचारियों के इस्तीफा देने के बाद प्रशिक्षण पर भेजा गया था।
किन्तु हाईकोर्ट के उपनिरीक्षक पद की भर्ती पर रोक लगा दिये जाने से याचियो ने बिजली विभाग के छोडे पद में बहाली की मांग में हाईकोर्ट की शरण ली। कोर्ट ने याचियो की मांग के गुणदोष पर कोई विचार न व्यक्त करते हुए बिजली विभाग के अधिशासी अभियंता को विचार करने का निर्देश दिया है। यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीत कुमार ने अखिलेश यादव व 6 अन्य की याचिका पर दिया है।
याचीगण का कहना था कि वे राज्य विद्युत सेवा चयन आयोग से चयनित होकर बिजली विभाग में सहायक ग्रेड तीन पद पर नियुक्त हुए। एक साल बाद इनका पुलिस उपनिरीक्षक पद पर चयन हो गया। प्रशिक्षण पर भेजने से पहले बिजली विभाग से इस्तीफा देना पडा। जब पुलिस उपनिरीक्षक भर्ती अधर मे लटक गयी तो मूल विभाग मे वापसी की माग की। बिजली विभाग का कहना था कि इनका इस्तीफा स्वीकार हो चुका है। इसलिए इन्हें बहाल नही किया जा सकता। इस पर कोर्ट ने याचियो की मांग पर विचार करने का निर्देश दिया है।
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