भोपाल। सेंटर फॉर रिसर्च एन्ड इंडस्ट्रीयल स्टॉफ परफार्मेंस (क्रिस्प)के सीईओ मुकेश शर्मा की बड़ी कारगुजारी का खुलासा हुआ है। आरोप है कि उन्होंने संस्थान में रिटायरमेंट से पूर्व ही अपनी ग्रेजुएटी की राशि फर्जीवाड़ा कर निकाल ली। इतना ही नहीं उनकी कुल ग्रेजुएटी राशि बीस लाख रुपए हो रही थी, इसके बाद भी उन्होंने फर्जी दस्तावेजों की मदद से 32 लाख रुपए निकाल लिए हैं। प्रारंभिक जांच के बाद में श्यामला हिल्स पुलिस ने मुकेश के खिलाफ कूट रचित दस्तावेज तैयार कर धोखाधड़ी और गबन करने की धाराओं में प्रकरण दर्ज किया है। जांच के बाद में उनकी मदद करने वाले कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी।
श्यामला हिल्स थाने के एसआई रवींद्र सिंह ने बताया कि तुशार सेंडे क्रिस्प संस्थान में बतौर एचआर मैनेजर पदस्थ हैं। उन्होंने थाने में शिकायती आवेदन देते हुए बताया था कि संस्थान के सीईओ मुकेश शर्मा जल्द रिटायर होने वाले हैं। इससे पूर्व ही उन्होंने ग्रेजुएटी राशि को फर्जीवाड़ा कर निकाल लिया है। उनकी राशि कुल बीस लाख रुपए हो रही है। उन्होंने 32 लाख रुपए संस्थान के अकांट से लिए हैं। संस्थान के अकाउंट की आडिट रिपोर्ट में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। तुशार की शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया है। एसआई ने बताया कि इस फर्जीवाड़े को अकेले अंजाम देना संभव नहीं। संस्थान के अन्य कर्मचारी जो अकाउंट सेक्शन अथ्वा एचआर डिपार्टमेंट से हो सकते हैं कि मिली भगत संभव है। जांच के बाद में अपराध में शर्मा का साथ देने वाले कर्मचारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल शर्मा की गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। जांच के बाद में उनकी गिरफ्तारी की जाएगी।
दवा फैक्ट्री मालिक को एजेंटो ने सवा पांच लाख रुपए का चूना लगाया, केस दर्ज
कैश रकम लेकर हड़पते रहे आरोपी, ऑडिट में हुआ खुलासा
मंडीदीप की एक कीटनाशक दवा फैक्ट्री के मालिक को उसी की कंपनी में काम करने वाले दो एजेंटो सवा पांच लाख रुपए का चूना लगा दिया। आरोपियों ने कंपनी की पालिसी के खिलाफ जाकर दुकानदारों से केश में रकम ली और हड़प ली। अकाउंट ऑडिट में खुलासा होने के बाद में फेक्ट्री के मालिक ने दो कर्मचारियों के खिलाफ धोखाधड़ी और गबन की एफआईआर दर्ज कराई है। वहीं पुलिस का कहना है कि दोनों आरोपियों की फिलहाल गिरफ्तारी नहीं की जा सकी है। शाहपुरा पुलिस के अनुसार आकाश दुबे निवासी गुलमोहर कॉलोनी शाहपुरा मंडीदीप में ग्रो सेफ केमिकल्स के नाम से कीट नाशक दवा की फैक्ट्री का संचालन करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि आरोपी नरेश झा निवासी रेलवे फाटक के पास कालापीपल और रघुनंदन रघुवंशी निवासी सीहोर दोनों को उन्होंने वर्ष 2020 में ऐजेंट के तौर पर अपाइंट किया था। उनकी कंपनी का कार्यालय उन्हीं के घर से संचालित किया जाता है। यहीं दोनों की ज्वाइनिंग करागई गई थी। दोनों को बताया कि कंपनी केश पैसों में डील नहीं करती थी। दवा के बदले चेक लेकर ही काम करना है। कुछ समय तक दोनों कर्मचारियों ने कंपनी की पालिसी अनुसार ही काम किया। बाद में उन्होंने कंपनी में चेक के बजाए केश देना शुरु कर दिया। 1 अप्रेल 2020 से 12 अप्रेल 2021 के बीच आरोपियों ने कई दुकानदारों का पैसा कंपनी में जमा नहीं किया। उनके द्वारा बताया जाता कि दुकानदार रकम नहीं दे रहे है। जिसके बाद में कंपनी संचालक ने अपने स्तर पर दुकानदारों से बातचीत की। तब खुलासा हुआ कि आरोपी पहले ही केश में रकम ले चुके हैं। कंपनी अकाउंट आडिट कराए गए, तब पता लगा कि अकांउट में भी रकम नहीं जमा कराई गई है। इसके बाद में खुलासा हुआ कि आरोपी नरेश झा कालापीपल के तीन दुकानदारों का करीब 3.15 लाख रुपए हड़प चुका है। जबकि रघुनंदन ने सीहोर जिले के तीन दुकानदारों से दो लाख रुपए लेकर डकार गया है। रकम कई बार मांगने पर भी आरोपियों ने जमा नहीं कराई। तब फरियादी ने थाने में शिकायती आवेदन दिया और पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर लिया।
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