नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आधिकारिक आवास के बाहर शनिवार को उस समय हंगामा मच गया, जब अपराध शाखा की एक टीम उन्हें एक बार फिर जांच में शामिल होने के लिए नोटिस देने पहुंची, क्योंकि उन्होंने दावा किया था कि भाजपा आम आदमी पार्टी के विधायकों को अपने पाले में करने की कोशिश कर रही है. दिल्ली के सीएम ने इसे लेकर तंज कसते हुए कहा कि क्राइम रोकने की जगह पुलिस ने इस तरह की नौटंकी करवाई जा रही है.
अरविंद केजरीवाल ने ट्वीट किया, “मुझे क्राइम ब्रांच के इस पुलिस ऑफिसर से सहानुभूति है. इनका क्या कसूर है? इनका काम है दिल्ली में क्राइम रोकना. पर इनसे क्राइम रोकने की बजाय इस क़िस्म की नौटंकी करवाई जा रही है. इसीलिए दिल्ली में इतना क्राइम बढ़ रहा है.”
अरविंद केजरवाल ने नोटिस को बताया ड्रामा
उन्होंने कहा कि इनके पोलिटिकल आका मुझसे पूछ रहे हैं कि आप के किस किस MLA को तोड़ने की कोशिश की गयी? पर मुझसे ज्यादा तो आपको पता है? आपको तो सब कुछ पता है? केवल दिल्ली क्यों, पूरे देश भर में पिछले कुछ सालों में दूसरी पार्टियों के कौन कौन से MLA तोड़कर सरकारें गिरायी गयीं, आपको तो सब पता है? फिर ये ड्रामा क्यों?
बता दें कि केजरीवाल को नोटिस देने को लेकर सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) स्तर के अधिकारी के नेतृत्व वाली दिल्ली पुलिस अपराध शाखा की टीम और मुख्यमंत्री के आवास पर अधिकारियों के बीच बहस छिड़ गई थी.
आप नेता जैस्मीन शाह ने एक्स (जिसे पहले ट्विटर के नाम से जाना जाता था) पर घटना का एक वीडियो साझा किया. वीडियो में, शाह को अपराध शाखा के एक अधिकारी से उस कानूनी प्रावधान पर स्पष्टीकरण मांगने की कोशिश करते देखा गया, जिसके तहत वह व्यक्तिगत रूप से अरविंद केजरीवाल को नोटिस सौंपने पर जोर दे रहे थे.
पुलिस और आप नेताओं में हुई बहस
उन्होंने लिखा, “मैंने सीएम अरविंद केजरीवाल के आवास के प्रवेश द्वार के सामने खड़े दिल्ली पुलिस अधिकारी से एक सरल प्रश्न पूछा: वह किस कानून के तहत नोटिस दे रहे हैं, लेकिन उन्होंने इसका सही जवाब नहीं दिया. ”
यहां तक कि दिल्ली के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने भी दावा किया कि पुलिस जानबूझकर मुख्यमंत्री कार्यालय तक नोटिस नहीं पहुंचा रही है. उन्होंने कहा, “यह मोदी सरकार के लिए बहुत शर्मनाक है. भाजपा आज पूरी तरह से बेनकाब हो गई है. कल, सभी भाजपा प्रवक्ताओं ने आरोप लगाया था कि सीएम कार्यालय को पुलिस नोटिस नहीं मिला. आज, वे बेनकाब हो गए हैं. पुलिस एसीपी जानबूझकर सीएम कार्यालय को नोटिस नहीं दे रहे हैं.”
अरविंद केजरीवाल को भेजे गए नोटिस में उनसे उस आरोप की जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है कि भाजपा ने आप के सात विधायकों को 25-25 करोड़ रुपये देने का आरोप लगाया था.
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