नई दिल्ली: कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (CM Arvind Kejriwal) आज भी प्रवर्तन निदेशालय (ED) के दफ्तर पूछताछ के लिए नहीं जाएंगे. बता दें कि मामला कोर्ट में है, कोर्ट में अगली सुनवाई 16 मार्च को होनी है. इस मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) ने बयान जारी किया है. वहीं AAP ने बयान में कहा है कि रोज समन (summons) भेजने की बजाय ED कोर्ट के फैसले का इंतजार करे. अरविंद केजरीवाल को ED ने इस मामले में 7वां समन भेजा है.
मालूम हो कि कथित आबकारी नीति घोटाले के संबंध में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को उसके समक्ष पेश होने के लिए सातवां समन जारी किया है. इससे पहले भी 6 बार समन जारी करने के बाद भी केजरीवाल ED के दफ्तर पूछताछ के लिए नहीं गए थे. सूत्रों ने बताया कि केजरीवाल को 26 फरवरी को वित्तीय जांच एजेंसी के सामने पेश होने के लिए कहा गया था.
इससे पहले पिछले सोमवार को भी केजरीवाल कथित आबकारी नीति घोटाले के सिलसिले में ईडी के छठे समन पर भी उपस्थित नहीं हुए थे. आप सूत्रों के मुताबिक, समन असंवैधानिक था और फिलहाल ईडी के सामने पेश होने की वैधता अदालत में जांच के दायरे में है. आप के सूत्रों ने कहा है कि ‘दिलचस्प बात यह है कि ED ने इस मामले को खुद अदालत में लाने की पहल की है. लगातार समन जारी करने की बजाय उसे अदालत के फैसले का इंतजार करना चाहिए जिससे उचित कानूनी प्रक्रिया शुरू हो सके.’
मालूम हो कि ED ने 31 जनवरी को भी केजरीवाल को समन जारी किया था और 2 फरवरी को उसके सामने पेश होने को कहा था. यह आप संयोजक को जारी किया गया पांचवां समन था. केजरीवाल के पांचवें समन को नजरअंदाज करने के बाद ED कोर्ट गई. वित्तीय जांच एजेंसी की शिकायत में आरोप लगाया गया कि केजरीवाल जानबूझकर समन का पालन नहीं करना चाहते थे और “बचकाना बहाने” बना रहे हैं. वहीं एजेंसी ने कहा, ‘अगर उनके जैसे उच्च पदस्थ सार्वजनिक पदाधिकारी ने कानून की अवज्ञा की, तो यह आम लोगों के लिए एक गलत उदाहरण स्थापित होगा.’
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