तेजकुमार सेन, इंदौर: हुकुमचंद मिल (Hukumchand Mill) मजदूरों (laborers) सहित अन्य लेनादारो (creditors) को बकाया राशि (outstanding amount) का भुगतान करने की बजाय हाउसिंग बोर्ड (housing board) की ओर से समय मांगा (asked for time) गया. इस पर आज हुई सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट (High Court) ने नाराजगी जताई.
जस्टिस सुबोध अभ्यंकर की बेंच में हुई सुनवाई के दौरान सरकार (हाउसिंग बोर्ड) की ओर से चुनाव और बोर्ड बैठक का हवाला देते हुए भुगतान हेतु कोर्ट से समय मांगा गया. कोर्ट ने इस पर नाराजगी जताते हुए पूछा कि जब पूर्व में सभी की सहमति से भुगतान किया जाना तय हुआ था तो अभी तक क्यों नहीं हुआ.
मजदूरो की ओर से तर्क में कहा गया कि कोर्ट ने दो सप्ताह में भुगतान प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए थे, इससे मजदूरों को उम्मीद जगी थी कि दीपावली का त्यौहार अच्छा मन जाएगा लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कोर्ट ने हाउसिंग बोर्ड की ओर से अधिवक्ता को लंच टाइम तक भुगतान के संबंध में सरकार से इंस्ट्रक्शन लेने के निर्देश देते हुए आज ही दोपहर तीन बजे बाद पुनः सुनवाई रखी. लंच बाद सरकार की ओर से शपथपत्र पर इसका जवाब देने का समय चाहा गया, जिस पर कोर्ट ने कल ही पुनः सुनवाई तय की है.
मजदूरी की ओर अवमानना याचिका दायर
इधर तय होने के बाद सरकार की ओर से भुगतान में विलंब पर मजदूरों में आक्रोश व्याप्त है. मजदूरों की ओर से पैरवी करने वाले अधिवक्ता धीरज सिंह पंवार ने बताया कि हाई कोर्ट ने दो सप्ताह में भुगतान प्रक्रिया शुरू करने के आदेश दिए थे, इसका पालन नहीं करने पर हमने अवमानना याचिका दायर कर दी है.
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