नई दिल्ली। भारतीय नौसेना (Indian Navy) के बेड़े में आईएनएस विक्रांत (INS Vikrant) के शामिल होने से चीन डर गया है। यही कारण है कि पहले चीन (China) के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स (Official newspaper Global Times) ने अपने तीसरे विमानवाहक पोत टाइप 003 फुजियान (aircraft carrier type 003 fujian) के साथ तुलना कर आईएनएस विक्रांत का मजाक उड़ाने की कोशिश की। फिर बाद में उसने रुख बदला और भारत (India) को पश्चिमी देशों (western countries) को लेकर सलाह दे डाली।
ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा कि पश्चिमी देश चीनी नौसेना को भारतीय विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रांत के प्रमुख लक्ष्यों में से एक के रूप में पेश कर रहे हैं। वो भारत और चीन के बीच तनाव को उकसा रहे हैं। इससे भारतीय लोगों में चीन को लेकर राय बनेगी और सरकार पर बीजिंग के खिलाफ फैसले लेने का दबाव बनेगा। एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि विमानवाहक पोत ने भारत को दुनिया की नौसैनिक शक्तियों की एक विशिष्ट श्रेणी में पहुंचाया है।
इस पर चीन के सरकारी अखबार ने चाइना इंस्टीट्यूट ऑफ इंटरनेशनल स्टडीज में एशिया पैसिफिक स्टडीज विभाग के निदेशक लैन जियानक्स्यू के हवाले से कहा कि चीन ने कभी भी भारत को खतरा नहीं माना है और न ही चीन ने भारत को एक काल्पनिक प्रतिद्वंद्वी और लक्ष्य के रूप में देखा है। चीन अपने खुद के विमान वाहक और नौसेना को विकसित कर रहा है। उसने कहा कि भारत का सबसे बड़ा दुश्मन उसकी अपनी गरीबी, पिछड़ापन और अपर्याप्त विकास है, जैसा कि कुछ भारतीय विद्वानों ने स्वीकार किया है।
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