नई दिल्ली । भारत के इकलौते विमानवाहक पोत आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) पर शनिवार को तड़के आग लगने की मामूली घटना हुई लेकिन ड्यूटी पर तैनात क्रू की त्वरित कार्रवाई से उस पर काबू पा लिया गया। जहाज पर तैनात सभी कर्मचारी सुरक्षित हैं और कोई बड़ी क्षति नहीं हुई। नौसेना (Navy) ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
नौसेना (Navy) प्रवक्ता के अनुसार इस वक्त कर्नाटक के कारवार बंदरगाह पर तैनात आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) के सेलर एकामडेशन कंपार्टमेंट में आज तड़के अचानक आग लग गई। ड्यूटी स्टाफ ने उठ रही आग और धुएं को देखने के बाद फायर फाइटिंग ऑपरेशन (Fire fighting operation) लांच किया। तत्काल की गई इस कार्रवाई के बाद आग पर काबू पा लिया गया और पोत में सवार सभी कर्मी सुरक्षित हैं। बयान में कहा गया है कि जहाज में नौसैनिकों के रहने वाले हिस्से से धुआं उठते देख पोत के ड्यूटी कर्मियों ने आग को बुझाने के लिए तत्काल कार्रवाई की। पोत में सवार सभी कर्मियों की गिनती की गई और कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुंचा है। नौसेना ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं।
आईएनएस विक्रमादित्य (INS Vikramaditya) का पुराना नाम एडमिरल गोर्शकोव है। कीव क्लास के इस विमान वाहक पोत को रूस से भारत ने 2.33 अरब डॉलर के सौदे के तहत खरीदा था। इसने 1996 तक सोवियत और रूसी नौसेना में अपनी सेवाएं दी हैं। खास बात है कि तीन फुटबॉल मैदानों के बराबर इस पोत पर कुल 22 डेक हैं और इसमें 1600 कर्मी रह सकते हैं। इस इकलौते विमानवाहक युद्धपोत को 16 नवम्बर, 2013 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था।
भारतीय नौसेना (Indian Navy) को अमेरिका से मिलने वाले सभी 24 एमएच-60 रोमियो हेलीकॉप्टर इसी विमान वाहक पोत से संचालित होंगे। इन्हें 2023 या अंत तक नौसेना के बेड़े में शामिल किया जाएगा। नौसेना का दूसरा विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विक्रांत अभी परीक्षण के दौर से गुजर रहा है। इसके 2021 के अंत या 2022 की शुरुआत में इसके नौसेना के परिवार का हिस्सा बनने की उम्मीद है।
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