इंदौर। अवैध निर्माणों के साथ अवैध कालोनाइजेशन के मामले में भी निगम और प्रशासन कड़ी कार्रवाई निरंतर कर रहा है। इसी कड़ी में ग्राम बढिय़ाकीमा, तहसील भिचौली हब्सी के 21 खसरा नम्बरों पर लगभग 60 एकड़ में कटी अवैध प्रगति पार्क के कालोनाइजर के खिलाफ कलेक्टर न्यायालय ने जांच आदेश जारी किए हैं। एसडीओ से दो माह में विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया है। पिछले दिनों नगर निगम ने भी प्रगति विकास, प्रगति ग्रीन सहित अन्य कालोनियों को अवैध भी घोषित कर दिया था। अब प्रगति पार्क में किसानों के बयानों के आधार पर असल दोषियों की जांच कर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। 6 माह से लेकर 3 वर्ष तक के कारावास का भी प्रावधान अधिनियम में अवैध कालोनाइजेशन के खिलाफ है।
बढिय़ाकीमा के सर्वे नं. 62, 63, 73, 77, 78, 79 से लेकर 92, 93, 96 और 101 की लगभग 60 एकड़ जमीन पर 40-40 हजार स्क्वेयर फीट के भूखंड काटकर अवैध कालोनी प्रगति पार्क का निर्माण किया गया। कलेक्टर मनीष सिंह ने प्राप्त शिकायत के आधार पर इसकी जांच शुरू की और अपनी कोर्ट में प्रकरण दर्ज कर संबंधित जमीन मालिकों के साथ-साथ किसानों को नोटिस जारी किए। 26 अगस्त को लगभग 22 विक्रेता जमीन मालिकों को दिए गए नोटिस के जवाब में कुछ विक्रेताओं ने कहा कि उनके द्वारा अवैध कालोनी का निर्माण नहीं किया गया है। वहीं तीन किसानों ने अपने बयानों में आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेता सुरेन्द्र संघवी के साथियों के द्वारा कृषि जमीन का विक्रय तय करते हुए अनुबंध किए गए और उनके निर्देश पर ही विक्रय-पत्रों का पंजीयन करवाया गया। चूंकि इन किसानों को कानून की ज्यादा जानकारी नहीं रहती इसलिए उन्होंने पूर्व में निष्पादित अनुबंध उनके सुपूर्द कर दिया।
बयान देने वाले बंसीलाल पिता लक्ष्मीनारायण, बालाराम (मृतक) तर्फे पिता राम पिता बालाराम एवं मनोहर पिता लक्ष्मीनारायण निवासी पिपल्याहाना के अलावा स्व. भगवान चौधरी तर्फे पुत्र मांगीलाल, कैलाश चौधरी, स्व. जसोदा बाई गोपाल चौधरी ने अपने लिखित स्पष्टीकरण पत्र के जरिए बताया कि उनका अवैध कालोनी काटने से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने तो अनुबंध के आधार पर जमीन के किए गए टुकड़ों की रजिस्ट्रियां करवा दी। लिहाजा कलेक्टर मनीष सिंह ने अनुविभागीय अधिकारी भिचौली हब्सी को धारा बी-121 में प्रकरण दर्ज कर साक्ष्य सहित प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए कि उक्त अवैध कालोनी पार्क किसके द्वारा विकसित की गई और बढिय़ा कीमा के उक्त खसरे नम्बरों पर अवैध कालोनी का विकास किन लोगों ने किया और विकास कार्य से भी कौन-कौन जुड़ा रहा।
शहर के रसूखदारों के बन रहे हैं आलीशान-भव्य बंगले
भिचौली मर्दाना, भिचौली हब्सी में इन दिनों सबसे अधिक तेजी है, जहां पर कटी वैध-अवैध कालोनियों में रसूखदारों के भव्य और आलीशान बंगले जहां पूर्व से ही निर्मित हैं, वहीं कई अन्य नए बंगलों का निर्माण धड़ल्ले से चल रहा है। पिछले दिनों निगम ने प्रगति विहार, प्रगति ग्रीन को तो अवैध घोषित कर ही दिया, वहीं अब कलेक्टर ने प्रगति पार्क की भी जांच शुरू करवा दी। यहां पर एक अग्रवाल नामक कारोबारी का सबसे बड़ा और भव्य बंगला निर्मित हो रहा है, तो कई बड़े सेवानिवृत्त अफसरों के भी भूखंड और बंगले मौजूद हैं। वहीं पिछले दिनों 16 करोड़ रुपए में 40 हजार स्क्वेयर फीट की जमीन और उस पर बने बंगले का एक सौदा भी हुआ, जिसकी 25 फीसदी राशि 4 करोड़ रुपए चुका भी दी।
मगर अब चूंकि कालोनी अवैध घोषित हो गई, तो इस तरह के सौदे खटाई में भी पडऩे लगे। लगभग 60 एकड़ पर विकसित की गई इस अवैध कालोनी के पास ही कल्पतरु गृह निर्माण संस्था में शामिल जमीन भी है। उस पर भी बड़े-बड़े भूखंड अवैध रूप से काटकर बेच दिए हैं, जिनमें से कुछ की रजिस्ट्रियों को कैंसल करवाने के कोर्ट में प्रकरण भी लगाए गए हैं। इतना ही नहीं, लगभग 100 एकड़ में कटी प्रगति विहार में एक गड़बड़ी यह सामने आई कि जहां भूखंडों की रजिस्ट्रियां सीधे किसानों से करवाई गई, वहीं सडक़ों की जमीनें ऋषभ गृह निर्माण संस्था में शामिल की गई, क्योंकि उस वक्त गृह निर्माण संस्थाओं को स्टाम्प ड्यूटी में छूट मिलती थी।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved