भोपाल: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हाल ही हुई पटवारी भर्ती परीक्षा (MP patwari recruitment exam) में कथित घोटाला उजागर होने के बाद उठे विरोध को बवंडर को शांत करने के लिए जांच शुरू हो गई है. इस दौरान जांच आयोग (commission of inquiry) ने शिकायकर्ताओं से सबूत मांगे हैं. आज से शिकायतकर्ता जांच आयोग (commission of inquiry) के सामने भर्ती परीक्षा मामले में अपने साक्ष्य प्रस्तुत कर सकेंगे. आज पहले दिन 16 अगस्त को भोपाल जिले के शिकायतकर्ता साक्ष्य आयोग के वाल्मी स्थित कार्यालय (Office at Valmi) पर अपने साक्ष्य सौंप सकेंगे.
एमपी पटवारी भर्ती परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी होने के बाद परीक्षा में कथित धांधली के आरोप लगे. प्रदेश क्या देशभर में इसे लेकर जमकर विरोध हुआ, जिसके बाद जांच आयोग का गठन किया गया. 17 अगस्त को रायसेन,सीहोर और विदिशा जिले के शिकायतकर्ता साक्ष्य पेश कर सकेंगे. जांच आयोग ने ग्रुप 2, सब ग्रुप 4 और पटवारी भर्ती परीक्षा को लेकर शिकायतकर्ताओं से अनियमित्ताओं के सबूत मांगे हैं.
मध्य प्रदेश में आयोजित पटवारी भर्ती परीक्षा रिजल्ट जारी होने के बाद लगे घोटाले को आरोपों की जांच के लिए अभ्यर्थियों ने जांच की मांग की थी. उनकी मांग और देशभर में भारी विरोध को देखते हुए कर्मचारी चयन बोर्ड के माध्यम से आयोजित की गई पटवारी भर्ती परीक्षाओं की जांच का नेतृत्व हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायाधीश राजेंद्र कुमार वर्मा कर रहे हैं.
मध्य प्रदेश पटवारी भर्ती परीक्षा 2023 के नतीजे आने के बाद इस पर कई सवाल उठे. दरअसल, भर्ती परीक्षा रिजल्ट के टॉप 10 टॉपर्स में से सात टॉपर ग्वालियर के NRI कॉलेज के हैं. इस रिजल्ट को कैंडिडेट्स ने स्वीकार नहीं किया और गड़बड़ी का आरोप लगाया. अभ्यर्थियों का आरोप है कि इन कैंडिडेट्स ने एग्जामिनेशन फॉर्म हिंदी में साइन किया और उन्होंने क्वेश्चन पेपर इंग्लिश में आंसर किए.
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