जम्मू। अलगाववादी नेता (separatist leader) सैय्यद अली शाह गिलानी (Syed Ali Shah Geelani) का शव हैदरपोरा स्थित कब्रिस्तान (Cemetery) से निकाल कर पुराने शहर स्थित ईदगाह कब्रिस्तान में दफ नाने के प्रयास के इनपुट के बाद शहर के कई इलाकों में पाबंदियां लगाई गईं। एहतियात के तौर पर शहर के हैदरपोरा और ईदगाह इलाकों (Hyderpora and Idgah localities) के आसपास प्रतिबंध लगाए गए। दोनों जगहों जाने वाली सभी सड़कों पर बैरिकेडिंग की गई। इन इलाकों में निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल किया गया है।
अधिकारियों ने बताया कि ऐसी जानकारी मिली थी कि शरारती तत्व गिलानी के शव को ईदगाह कब्रिस्तान में दफ नाने के लिए हैदरपोरा कब्र से निकालने का प्रयास कर सकते हैं। यहां कई आतंकवादियों (terrorists) और दो शीर्ष अलगाववादी नेताओं अब्दुल गनी लोन (Abdul Gani Lone) और मीरवाइज मोहम्मद फारूक (Mirwaiz Mohammad Farooq) को दफनाया गया है।
अलगाववादियों की ओर से पिछले साल फ रवरी में जारी बयान के अनुसार गिलानी ने ईदगाह कब्रिस्तान में दफ नाए जाने की इच्छा जाहिर की थी। शहर में अन्य जगहों पर प्रतिबंधों के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ क्योंकि बाजार आंशिक रूप से खुले थे। मोबाइल उपकरणों पर इंटरनेट सेवाओं के निलंबन के कारण ऑनलाइन कक्षाएं निलंबित रहीं। इंटरनेट सेवाएं फिलहाल घाटी में ब्रॉडबैंड और फाइबर प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं। घाटी में बनिहाल से बारामुला के बीच ट्रेन सेवा स्थगित रही।
गिलानी के कब्र की निगरानी के लिए लगा सीसीटीवी
हैदरपोरा कब्रिस्तान में सीसीटीवी कैमरे पहले ही लगाए जा चुके हैं जहां गिलानी को वीरवार को दफनाया गया था। अधिकारियों ने बताया कि अशांति फैलाने के लिए अवांछनीय तत्वों की ओर से कब्र के साथ छेड़छाड़ किए जाने की आशंका के मद्देनजर यह कदम उठाया गया है।
हुर्रियत एम ने प्राथमिकी दर्ज करने की निंदा की
नरमपंथी मीरवाइज उमर फारूक के नेतृत्व वाले धड़े हुर्रियत कांफ्रेंस (एम) ने गिलानी के शव पाकिस्तानी झंडे में लपेटने पर प्राथमिकी दर्ज किए जाने की निंदा की है। संगठन की ओर से जारी वक्तव्य में कहा गया कि गिलानी के बेटे ने मीडिया को बताया कि अधिकारियों ने 92 वर्षीय नेता का शव अपने कब्जे में ले लिया और उसे परिवार की अनुपस्थिति में और उनकी जानकारी के बगैर ही दफ ना दिया।
यह सुनकर बहुत ही दुख हुआ। यह अमानवीय है कि परिवार को अपने प्रियजन को दफ नाने का अधिकार तक नहीं दिया जाए। परिवार पर क्या बीती होगी इसकी कल्पना की जा सकती है। इस कठोरता के बाद अब अधिकारी प्राथमिकी दर्ज करके गिरफ्तार करने की धमकियां देकर परिवार को प्रताड़ित कर रहे हैं। अन्याय और दुख की इस घड़ी में कश्मीर के लोग गिलानी के परिवार के साथ खड़े हैं।
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