इंदौर (Indore)। भारतीय प्रबंध संस्थान इंदौर (आईआईएम इंदौर) और मध्य प्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम (एमपीएमवीवीएन), मध्य प्रदेश सरकार, ने स्थायी उद्यमों को बढ़ावा देने और महिला उद्यमियों और महिला स्वयं सहायता समूह को सशक्त बनाने के उद्देश्य से एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए हैं। आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय और एमपीएमवीवीएन के प्रबंध निदेशक मनोज पुष्प (आईएएस) ने 04 जुलाई,को आईआईएम इंदौर में समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए।
इस साझेदारी का उद्देश्य ऐसी संयुक्त परियोजनाओं और पहलों को विकसित करना है जो एमपीएमवीवीएन की गतिविधियों के विस्तार का समर्थन करेंगी और महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों के बीच स्थायी उद्यमों के विकास को सक्षम करने में योगदान देंगी।
प्रो. हिमाँशु राय ने इस सहयोग पर प्रसन्नता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि यह समझौता ज्ञापन महिला उद्यमियों को सशक्त बनाने और टिकाऊ उद्यमों को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हमारी विशेषता है प्रबंधन शिक्षा और अनुसंधान, और इनके माध्यम से हमारा लक्ष्य मध्य प्रदेश में गतिविधियों का विस्तार करने और उद्यमशीलता पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ाने में एमपीएमवीवीएन को सहयोग देना है। इस समझौते के तहत कई गतिविधियाँ शामिल हैं, जैसे मार्केटिंग में मदद प्रदान करना, महिला उद्यमियों के लिए सर्टिफिकेट कोर्स डिजाईन करना, एमपीएमवीवीएन के कर्मचारियों के लिए ट्रेनिंग प्रोग्राम आयोजित करना, रिसोर्स गैप एनालिसिस करना और प्रबंधकीय प्रशिक्षण देना। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर भी जोर दिया कि महिला नेतृत्व वाले संगठन अधिक टिकाऊ और लचीले बनें। इसके बाद उन्होंने विभिन्न क्षेत्रों में सूक्ष्म और लघु उद्यमों के विकास को समर्थन देने में आईआईएम इंदौर की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, “इसके साथ ही हम सार्थक अवसर उत्पन्न करने और सतत विकास को बढ़ावा देने की दिशा में काम करेंगे”, उन्होंने कहा।
श्री मनोज पुष्प ने आईआईएम इंदौर के फैकल्टी और शिक्षा और समाज में संस्थान के योगदान की सराहना की। उन्होंने कहा, “आईआईएम इंदौर अपनी अकादमिक उत्कृष्टता और सामाजिक प्रभाव के प्रति प्रतिबद्धता के लिए जाना जाता है। हम संस्थान के साथ समझौता कर प्रसन्न हैं। संस्थान द्वारा पेश की गयीं मार्केटिंग रणनीतियों, सर्टिफिकेट कोर्स और ट्रेनिंग प्रोग्राम्स से हमारी महिला उद्यमियों और स्वयं सहायता समूहों को बहुत लाभ होगा”। उन्होंने उल्लेख किया कि टिकाऊ उद्यमों को विकसित करने के लिए स्वयं सहायता समूहों को विपणन सहायता प्रदान करने के लिए अनुभवी मार्केटिंग एजेंसियों से संपर्क करने में आईआईएम इंदौर द्वारा मिली सहायता से उन्हें अपने मार्केट पोर्टफोलियो और बिक्री की मात्रा को बढ़ावा देने में भी मदद मिलेगी। इसके अलावा, उन्होंने कहा कि यह सहयोग अधिक अकादमिक-व्यवसायिक सहयोग को बढ़ावा देकर महिला सशक्तीकरण के राज्य के दृष्टिकोण को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए महत्वपूर्ण कदम होगा। “हमारा मानना है कि यह साझेदारी हमारे लाभार्थियों को सशक्त बनाएगी, वे बाज़ार में अपनी उपस्थिति में सुधार कर सकेंगे और समग्र रूप से मध्य प्रदेश की आर्थिक वृद्धि में योगदान दे सकेंगे।”
समझौता ज्ञापन तीन साल की अवधि के लिए वैध है, जिसके दौरान दोनों संस्थान उल्लिखित गतिविधियों को लागू करने और पारस्परिक लाभ के लिए अतिरिक्त सहयोगी अवसरों का पता लगाने के लिए मिलकर काम करेंगे। यह साझेदारी मध्य प्रदेश में सतत विकास, लैंगिक सशक्तिकरण और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने की दिशा में आईआईएम इंदौर की प्रतिबद्धता को उजागर करती है।
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