नागदा। पिछले दिनों कथित तौर पर डॉक्टर की लापरवाही और गलत उपचार के चलते नव्या रघुवंशी की हालत और बिगड़ गई जिसका आठ दिनों तक उज्जैन में उपचार चला परंतु बचाया नहीं जा सका। इस बीच सोशल मीडिया पर नव्या के उपचार के लिए और डॉक्टर के खिलाफ कार्यवाही को लेकर मुहिम भी चलाई गई। इस मामले में दोनों ही प्रमुख राष्ट्रीय दलों के नेताओं की चुप्पी आश्चर्यजनक मानी जा रही है। छोटे-छोटे मामलों में सरकारी उपचार और अन्य सहयोग दिलवाने वाले नेताओं ने इस मामले से दूरी बनाई रखी। अब जबकि नव्या के दु:खद निधन के बाद लोगों का आक्रोश एक आंदोलन का रूप लेता दिख रहा है जो आने वाले आम चुनाव में इन नेताओं पर भारी पड़ सकता है। दोनों ही प्रमुख पार्टी द्वारा न तो मामले में हस्तक्षेप किया न ही निष्पक्ष जाँच की पहल की।
मौन रैली निकाल कर सौंपा ज्ञापन
आज शहर के विभिन्न जागरूक नागरिकों और संस्थाओ के प्रतिनिधियों ने दोपहर स्टेशन चौराहे से नागदा मण्डी थाने तक मौन रैली निकाल कर ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन के माध्यम से पूरे मामले की जाँच और डॉक्टर एस.आर. चावला के खिलाफ प्रकरण दर्ज करने की मांग की गई ताकि भविष्य में किसी और परिवार को ऐसी अपूरणीय क्षति ना हो।
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