कोलकाता। नंदीग्राम में कथित तौर पर चोट लगने के बावजूद ममता बनर्जी उसी हालत में भाजपा और माकपा-कांग्रेस गठबंधन के खिलाफ मैदान में उतरने जा रही हैं। 10 मार्च को उन्हें नंदीग्राम में कथित तौर पर कुछ लोगों ने हमला कर चोटिल कर दिया था। इसके बाद 12 मार्च को ही वह अस्पताल से छुट्टी लेकर घर लौट आईं वह भी तब जब दावा किया जा रहा है कि उनके पैर में फैक्चर हुआ है। अब 14 मार्च को चुनावी घोषणा पत्र जारी करने के बाद सोमवार यानी 15 मार्च से वह चुनाव प्रचार में भी जुट जाएंगी। उनकी पहली जनसभा पुरुलिया जिले के बलरामपुर में होने जा रही है जहां व्हीलचेयर पर बैठकर मंच पर चढ़ेंगी और भाषण देंगी। इसके अलावा वह 16 मार्च को बांकुड़ा और 17 मार्च को झारग्राम में अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के लिए वोट मांगती हुई दिखेंगी।
यह माना जाता है कि राजनेता सियासत में हर घटना को भुनाने की कोशिश करते हैं। ममता बनर्जी तो बीच चुनाव में घायल हुई हैं। वह भी इस मौके को हाथ से जाने नहीं देंगी। उन्होंने खुद इसके संकेत भी दिए थे। ममता बनर्जी का जब कोलकाता के अस्पताल में इलाज चल रहा था तो उन्होंने अपने समर्थकों के लिए एक वीडियो जारी किया था, जिसमें उन्होंने शांति बनाए रखने की अपील तो की ही थी, साथ ही यह भी कहा था कि वह चोट लगने की वजह से व्हीलचेयर पर बैठकर ही प्रचार करेंगी। ममता अगर व्हीलचेयर पर बैठकर चुनावी मंच पर नजर आएंगी तो इसकी प्रबल संभावना है कि सहानुभूति वोट का फायदा तृणमूल को मिल सकता है। (एजेंसी, हि.स.)
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