मुंबई। बॉलिवुड ऐक्ट्रेस करीना कपूर खान (Kareena Kapoor Khan) इन दिनों अपनी किताब के टाइटल ‘प्रेग्नेंसी बाइबल’ (pregnancy bible) को लेकर लगातार सुर्खियों में बनी हुई हैं। करीना कपूर(Kareena Kapoor) ने अपनी किताब में अपनी प्रेग्नेंसी और दोनों बेटों तैमूर अली खान (Taimur Ali khan) और जेह(Jeh) के जन्म के वक्त के अनुभव को लिखा है। किताब का परिचय देते हुए करीना कपूर ने अपने मदरहुड और वर्क कमिटमेंट (Motherhood and work commitment) के बीच किस तरह से बैलेंस बनाती हैं। इस बात का जिक्र किया है। साथ ही उन्होंने अपनी मां बबीता कपूर और घर में काम करने वाले स्टॉफ का शुक्रिया किया है, जिन्होंने हर कदम पर उनका इतना साथ दिया। करीना ने अपनी किताब में तैमूर का जन्म और मां बनने के अनुभव के बारे में कई दिलचस्प बातों का जिक्र किया है। करीना लिखती हैं,’तैमूर के जन्म के वक्त एनेस्थीसिया का प्रभाव जैसे कम हुआ, मैंने पहली बार अपने बेटे को सीने से लगाया। तैमूर को सीने से लगाते ही लगा क्या सच में यह सब हकीकत है। अपने पहले बच्चे के जन्म के वक्त मैं परफ़ैक्ट मॉम नहीं थी’
करीना लिखती हैं, ‘तैमूर के जन्म के वक्त मुझे नहीं पता था कि बच्चे के पूप को कैसे साफ करते हैं या डायपर कैसे पहनाया जाता है। तैमूर का टॉयलेट इतनी बार लीक हो जाता था, क्योंकि मैं ठीक से डायपर नहीं पहना पाती थी। वहीं दूसरी तरफ करीना ने एक मां के तौर पर यह भी सलाह दिया है कि बच्च के जन्म के बाद ज्यादा से ज्यादा काम न करें। वह काम करें जो आसान है, क्योंकि अगर मां आरामदायक फील करेंगी तो बच्चा भी इसे महसूस करता है।
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