नई दिल्ली। सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय द्वारा रविवार को जारी आंकड़े के मुताबिक बुनियादी ढांचा क्षेत्र की 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक के खर्च वाली 441 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 20.81 फीसदी यानी करीब 4.35 लाख करोड़ रुपये से अधिक की वृद्धि हुई है, जबकि 539 परियोजनाएं देरी से चल रही है।
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय कि अगस्त, 2020 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,661 परियोजनाओं में से 441 की लागत बढ़ी है, जबकि 539 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। वहीं, 1,661 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 20,90,931.27 करोड़ रुपये थी, जिसके बढ़कर 25,26,063.76 करोड़ रुपये पर पहुंच जाने का अनुमान है।
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त, 2020 तक इन परियोजनाओं पर 11,48,621.70 करोड़ रुपये खर्च हो चुके हैं, जो कुल अनुमानित लागत का 45.47 फीसदी है। मंत्रालय ने कहा कि देरी से चल रही 539 परियोजनाओं में 128 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 128 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 167 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की तथा 116 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं। इन 539 परियोजनाओं की देरी का औसत 43.18 महीने है।
उल्लेखनीय है कि सांख्यिकी एवं कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपये या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। (एजेंसी, हि.स.)
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