नई दिल्ली (New Delhi)। इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति (Infosys founder Narayana Murthy) के एक सुझाव ने लोगों में हलचल मचा दी है। उनके बयान पर सोशल मीडिया में तमाम प्रतिक्रियाएं आने लगी हैं। देश में कार्य उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए भारत के युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए वाले बयान को जेएसडब्ल्यू अध्यक्ष सज्जन जिंदल (JSW President Sajjan Jindal) समेत कई लोगों का समर्थन मिला है। लेकिन इस मुद्दें पर चिकित्सकों की राय पूरी तरह से अलग है। सोशल मीडिया में एक पोस्ट करते हुए डॉ. कृष्णमूर्ति ने एक औसत पेशेवर के काम और अन्य प्रतिबद्धताओं के बीच दिन को विभाजित करने में बिताए गए समय का विवरण दिया।
हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. दीपक कृष्णमू्र्ति का दावा
सोशल मीडिया पर हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ. कृष्णमूर्ति ने एक औसत पेशेवर द्वारा दिन में काम और अन्य प्रतिबद्धताओं के बीच बांटने में कितना समय लगता है पर खुलकर चर्चा की। उन्होंने लिखा, इस तरह के अमानवीय कामकाजी घंटे हृदय संबंधी कई गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकता है।
उन्होंने पोस्ट में लिखा, एक दिन में 24 घंटे होते हैं। अगर आप 12 घंटे प्रति दिन के हिसाब से सप्ताह में 6 दिन काम करते है। तो बचे 12 घंटे में से 8 घंटे नींद में जाएंगे। शेष बचे 4 घंटे में अन्य दैनिक क्रियाकलापों में व्यस्त रहेंगे। ऐसे में तो युवाओं के पास मिलने-जुलने, परिवार के साथ बात करने का समय, व्यायाम करने का समय, मनोरंजन का समय ही नहीं रहेगा। यह बताने की जरूरत नहीं है कि कंपनियां लोगों से काम के घंटों के बाद भी ईमेल और कॉल का जवाब देने की अपेक्षा करती हैं। फिर आश्चर्यचकित होकर सवाल उठाते हैं कि आखिर युवाओं को ज्यादा हार्टअटैक क्यों आ रहे हैं।
नारायण मूर्ति का क्या था बयान
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति ने सुझाव दिया था कि देश में कार्य उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए भारत के युवाओं को हर हफ्ते 70 घंटे काम करना चाहिए। जिसके बाद से ही लोगों की तमाम प्रतिक्रियाएं सामने आने लगी। उनके इस बयान की कोई समर्थन तो कोई आलोचना कर रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved