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हलके की हर जमीन की जानकारी बनेगी, राऊ की अवैध कॉलोनियों पर प्रशासन की नजर

February 02, 2025

अपर कलेक्टर की निर्देश के बावजूद भी पूर्व एसडीएम में नहीं बनाई जांच रिपोर्ट , हटते ही दिखने लगी प्रगति

इंदौर। अवैध निर्माण (Illegal construction) और अव्यवस्थाओं (Dislocations) को लेकर अब तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा कॉलोनियों (Colonies) के खिलाफ एफआईआर (FIR) दर्ज की जा चुकी है, लेकिन बार-बार निर्देश देने के बावजूद भी राऊ क्षेत्र के एसडीएम की मनमानी नहीं थम रही थी । कारवाई तो दूर जांच रिपोर्ट भी तैयार नहीं की गई। पूर्व एसडीएम के हटते ही पटवारियों को अपने-अपने हलके की हर जमीन की जानकारी सूची बनाकर देने के निर्देश दिए गए हैं। अवैध निर्माण के साथ-साथ डेवलप हो रही कॉलोनी की सूची भी इसमें शामिल होगी।



कलेक्टर आशीष सिंह द्वारा जिले में अवैध कॉलोनी को लेकर शुरू की गई मुहिम में अभी तक डेढ़ दर्जन से ज्यादा कॉलोनाइजरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया जा चुके हैं । 100 से ज्यादा कॉलोनी की सूची पंजीयन कार्यालय से मिली जानकारी के बाद तैयार की गई है, जिन पर अपर कलेक्टर गौरव बैनल के न्यायालय में सुनवाई की जा रही है । परीक्षण के बाद अवैध कॉलोनी सिद्ध होने पर पुलिस कार्रवाई निरंतर होने लगी है। तहसील राऊ को लेकर लगातार छपी खबरों पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की रणनीति तैयार की गई है। नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी की मिली भगत पर भी संज्ञान लिया गया है । खबरों के माध्यम से सामने आ रही सूचना के बावजूद पूर्व एसडीएम विनोद राठौर ने नगर परिषद के विरुद्ध कोई कार्रवाई करना उचित नहीं समझा । अपर कलेक्टर द्वारा दिए गए निर्देश के बावजूद भी जांच रिपोर्ट तैयार नहीं की गई थी। हाल ही में राठौर को तहसील से हटाए जाने के बाद शिकायतों को एक बार फिर गति मिल गई है। एसडीएम गोपाल वर्मा शिकायतों को गंभीरता से लेकर कार्रवाई करने के पक्ष में नजर आ रहे हैं। उनके निर्देश के बाद तहसीलदार राऊ नारायण नंदेड़ा ने तहसील के सभी पटवारियों को अपने हलके की प्रत्येक भूमि की जानकारी तैयार करने को कहा है।

अवैध कॉलोनी की जानकारी खसरे में अंकित होगी
पूर्व में भी पटवारियों से अवैध कॉलोनी को लेकर जांच करवाई गई थी। समय-समय पर पटवारियों द्वारा दी गई रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की रणनीति तैयार कर ली गई है। तहसीलदार नंदेड़ा का कहना है कि पटवारी अपने क्षेत्र की प्रत्येक भूमि के क्रय-विक्रय, उसके उपयोग तथा वहां होने वाले निर्माण कार्य की जानकारी एकत्रित कर प्रस्तुत करेंगे। जमीनों की जानकारी एकत्रित होने के बाद अवैध कॉलोनी होने पर उसकी जानकारी खसरे में अंकित की जाएगी और किए जाने वाले निर्माण कार्यों को हटाने के साथ ही कलेक्टर के निर्देश अनुसार अतिक्रमण और अवैध कॉलोनी के संबंध में प्राथमिकी भी दर्ज कराई जाएगी।

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