इंदौर कमलेश्वरसिंह सिसौदिया। नि:शुल्क शिक्षा अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत निजी स्कूलों को प्राथमिक कक्षाओं मे विद्यार्थियों की संख्या के 25 फीसदी तक प्रवेश दिया जाना निश्चित है, लेकिन निजी स्कूल संचालक नियमों में उलट फेरकर 5, 7 या 10 विद्यार्थियों को ही प्रवेश दे रहे थे। ऐसे स्कूलों की संख्या दर्जनभर से ज्यादा है। हाल ही में इंदौर जिला प्रशासन आरटीई में प्रवेश नहीं देने वाले दो स्कूलों पर सख्ती की तो यह जानकारी सामने आई की और भी ऐसे स्कूल हैं, जो आरटीई के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति कर रहे हैं, लेकिन अब ऐसा नहीं चलेगा। दूसरे चरण में इन स्कूलों को नियमों के तहत प्रवेश देना ही होगा।
राज्य शिक्षा केंद्र की ओर से निजी स्कूलों में नर्सरी, केजी वन और टू के साथ फस्र्ट ( कुल चार कक्षाओं ) आरटीई के तहत कुल छात्र संख्या की 25 फीसदी अपने स्कूलो मे प्रवेश संख्या निर्धारित है, लेकिन स्कूल संचालक नियमों को नहीं मान रहे थे और मनमाने नियम चला रहे थे। ऐसे स्कूलों की सूची में चमेली देवी, अग्रवाल पब्लिक स्कूल, सत्यसांई, सिका आदि दर्जनभर स्कूलों की जानकारी सामने आई है। शुरू के दो स्कूलों ने तो अभी तक प्रवेश दिया ही नहीं था। जब हंगामा हुआ और प्रशासन की सख्ती के बाद स्कूल को सील किया गया, तब जाकर प्रवेश देने पर राजी हुए। तकरीबन एक सप्ताह तक खूब हंगामा चला। बाकी के रसूखदार स्कूलों ने सिर्फ नर्सरी कक्षा में सीमित बच्चों को ही प्रवेश देकर खानापूर्ति की जा रही थी, बाकी की तीन कक्षाओं केजी 1 व 2 और फस्र्ट में प्रवेश नहीं दिया जा रहा था। अब जानकारी सामने आई है तो इन स्कूलों में सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई। ऐसे स्कूलों में तकरीबन 40 से 50 सीटों पर नि:शुल्क एडमिशन देना होगा। 28 मार्च से दूसरे चरण की प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी, जिसके अंतर्गत आवेदन लिए जाएंगे। हालांकि अभी इस बारे में राज्य शिक्षा केंद्र भोपाल से निर्णय लिया जाना है।
अभी तक प्रवेश नहीं, इस पर मौन
इंदौर, भोपाल सहित प्रदेश के अन्य शहरों के स्कूलों में आरटीई के तहत प्रवेश प्रक्रिया में लीपापोती हो रही है। जिन स्कूलों ने प्रवेश प्रक्रिया का नियम के अनुसार पालन नहीं किया, उन पर क्या कार्रवाई होगी, इस पर अभी अधिकारी मौन हैं। सिर्फ यह कहा जा रहा है कि भोपाल से जो आदेश आएगा, उसका पालन किया जाएगा।
जानकारियां निकाली जा रही हर हाल में बच्चों को प्रवेश दिलाया जाएगा
जरूरतमंद माता-पिता के बच्चों को आरटीई में विधिवत प्रक्रिया के तहत प्रवेश दिलाया जाएगा। जानकारियां निकल जा रही हैं कि स्कूलों मैं नियमों की अनदेखी कब से की जा रही है। इसके लिए भोपाल से अधिकारियों का मार्गदर्शन भी लिया जा रहा है।
-शाता स्वामी भार्गव, डीपीसी इंदौर
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