भोपाल। अर्थव्यवस्था खुलने के साथ ही दालें महंगी होने लगी हैं। बीते एक माह में दाल-दलहन के भाव 16 प्रतिशत तक बढ़े हैं। स्कूल-कॉलेज और हॉस्टल खुलने साथ ही पर्यटन बढऩे से होटल-रेस्टोरेंट की मांग बढ़ी है। इस बीच डीजल के दाम बढऩे से लॉजिस्टिक खर्च भी बढ़ा है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश जैसे बड़े उत्पादक राज्यों में अरहर (तुअर) की फसल 30 प्रतिशत तक कम उतरने की आशंका जताई जा रही है। बीते एक महीने में सबसे ज्यादा 16 प्रतिशत काबुली चने के भाव बढ़े हैं। अभी यह 110 रुपए प्रति किलो तक है, जो एक माह पहले 95 रुपए प्रति किलो था। देसी चना भी 5,000 रुपए से बढ़कर 5,100 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है। इस बीच दालें 7-10 प्रतिशत महंगी हुई हैं। अरहर (तुअर) दाल 125 रुपए प्रति किलो तक पहुंच गई, जबकि सबसे सस्ती बिकने वाली चना दाल 80 रुपए प्रति किलो तक बिक रही है।
मार्च-मई कंज्यूमर स्टॉकिंग का सीजन
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के दाल व्यापारियों के मुताबिक, अरहर एकमात्र ऐसी दाल है जिसका उपभोक्ता भी स्टॉक रखते हैं। मार्च से मई के बीच इसकी कंज्यूमर स्टॉकिंग चलती है। इसके चलते सेंटिमेंट अमूमन मजबूत रहता है। प्रमुख अरहर उत्पादक राज्यों-महाराष्ट्र, कर्नाटक, तमिलनाडु और गुजरात में इन दिनों औसत मॉडल मंडी प्राइस 6,400-6,500 रुपए प्रति क्विंटल चल रहे हैं, जबकि (न्यूनतम समर्थन मूल्य) एमएसपी 6,300 रुपए प्रति क्विंटल है।
महंगा हो सकता है अमूल दूध
अभी हाल ही में अमूल का दूध महंगा हुआ था और अब एक बार फिर से इसमें इजाफे के आसार दिखने लगे हैं। कंपनी के अधिकारियों की मानें तो जिस हिसाब से एनर्जी, रसद और पैकेजिंग लागत बढ़ रही है, दूध के दाम में बढ़ोतरी करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कंपनी के एमडी आर एस सोढ़ी ने कहा कि कीमतें कम तो बिल्कुल भी नहीं हो सकती हैं, बल्कि ये और ऊपर जाने वाली हैं।
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