नई दिल्ली। पेट्रोल, डीजल और सीएनजी (Petrol, Diesel and CNG Prices) की कीमतें हर दिन उछाल पर है। इससे आम इंसान पर महंगाई (inflation) के मकड़जाल में चौतरफा फंसता जा रहा है। इसकी मार रसोई (Kitchen) से लेकर सफर तक भी साफ तौर पर पड़ रही है। बीते तीन महीनों में सीएनजी की कीमतें (CNG Prices) 33 फीसदी से ज्यादा बढ़ीं हैं। वहीं, पेट्रोल व डीजल कीमतों (Petrol, Diesel Prices) में 10.48 फीसदी व 11.53 फीसदी का इजाफा हुआ है। इसका असर हर किमी यात्रा पर दिख रहा है। तपती गरमी के बाद गाड़ियों में एसी चलाना मुश्किल पड़ रहा है।
दूसरी तरफ परिचालन लागत बढ़ने से रसोई के सामान की कीमतें भी बढ़ती जा रही हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो जनवरी से अप्रैल के बीच पेट्रोल और डीजल में प्रति लीटर 10 रुपये की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। जबकि सीएनजी की कीमत प्रति किलोग्राम 18 रुपये बढ़ी है। इसका असर वाहनों की परिचालन लागत पर पड़ा है। पेट्रोल और डीजल की तुलना में सीएनजी वाहनों के परिचालन खर्च में करीब तीन गुना बढ़ोतरी हुई है।
दिल्ली में फिलहाल 1.25 करोड़ से अधिक पंजीकृत वाहन हैं। इनमें सीएनजी ऑटो, टैक्सी, कैब, बसों का सार्वजनिक परिवहन के तौर पर इस्तेमाल हो रहा है। पारा लगातार चढ़ने से वाहनों में एसी चलाने से माइलेज कम होने से कीमत बढ़ोतरी का असर और अधिक गहराने लगा है। मालवाहकों पर भी ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी का असर पड़ रहा है। माल ढुलाई के साथ बढ़ रही महंगाई ट्रांसपोर्ट कारोबारियों पर भी डीजल की कीमत में बढ़ोतरी का असर पड़ रहा है। कीमतों में इजाफा से उनका नुकसान लगातार बढ़ रहा है।
इससे बचने के लिए ट्रांसपोर्ट कारोबारी भी माल ढुलाई में बढ़ोतरी कर रहे हैं। किसी भी उत्पाद को लंबी दूरी तक ले जाना है तो इसमें लगने वाला वक्त और लगातार बढ़ोतरी का असर कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है। दिल्ली गुड्स ट्रांसपोर्ट ऑर्गेनाइजेशन के अध्यक्ष राजेंद्र कपूर के मुताबिक डीजल की कीमतों में इजाफा हर महीने तय किया जाना चाहिए। इससे उन्हें माल ढुलाई किराया तय करने में आसानी होगी। पिछले तीन महीने में डीजल की कीमत में हुई बढ़ोतरी से 10 फीसदी से अधिक वित्तीय बोझ बढ़ गया है। इससे उत्पादों की ढुलाई का खर्च बढ़ गया है, नतीजतन महंगाई का ग्राफ भी ईंधन की कीमत के साथ चढ़ रहा है।
सार्वजनिक परिवहन से मिल सकती है राहत
सेंटर फॉर साइंस एंड एंवायरमेंट की विशेषज्ञ अनन्या दास के मुताबिक ईंधन की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी से बचने के लिए सार्वजनिक परिवहन को अपनाना होगा। निजी वाहन रखना जरूरी है तो ई-वाहनों पर स्विच कर सकते हैं। इस पर शुरुआती खर्च एक बार आएगा, लेकिन पूरे साल चार्जिंग के अलावा रखरखाव पर खर्च काफी कम है। ईंधन की कीमतें बढ़ने से निजी वाहनों का इस्तेमाल थोड़ा कम होने से सार्वजनिक परिवहन को नई गति मिल सकती है।
कीमत (लीटर/किग्रा)
ईंधन 14 अप्रैल 14 जनवरी प्रतिशत वृद्धि
पेट्रोल 105.41 95.41 10.48
डीजल 96.67 86.67 11.53
सीएनजी 71.61 53.53 33.77
ईंधन 14 अप्रैल 14 जनवरी प्रतिशत वृद्धि
पेट्रोल 351.36 318.03 10.48
डीजल 322.23 288.90 11.53
सीएनजी 238.70 178.43 33.77
(15 किमी के माइलेज पर हर दिन औसतन 50 किमी चलने वाली कार का ईंधन खर्च)
वाहन 4 अप्रैल 14 जनवरी प्रतिशत वृद्धि
बाइक 131.76 119.26 10.48
(40 किमी के माइलेज पर 50 किमी चलने पर दोपहिया वाहन का बढ़ा खर्च)
बस 14 अप्रैल 14 जनवरी प्रतिशत वृद्धि
एसी 1432 1070 33.77
नॉन एसी 1193.50 892 33.77
(3 किमी माइलेज पर नॉन एसी सीएनजी बस व 2.50 किमी एसी बसों के 50 किमी चलने का खर्च)
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