मुंबई (Mumbai) । भारतीय रिजर्व बैंक (reserve Bank of India) के गवर्नर शक्तिकांत दास (Governor Shaktikanta Das) ने कहा कि अंतरिम बजट (Budget) की वजह से देश में महंगाई (inflation) बढ़ने के आसार नहीं हैं। ‘मिंट’ द्वारा गुरुवार को आयोजित वित्तीय क्षेत्र के सेमिनार में उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार के पिछले रिकॉर्ड को देखते हुए उन्हें नहीं लगता कि अंतरिम बजट से महंगाई का दबाव बढ़ेगा। खुदरा महंगाई के आंकड़े शुक्रवार को आएंगे।
कार्यक्रम में दास से पूछा गया था कि क्या अंतरिम बजट मुद्रास्फीति को बढ़ाने वाला होगा। इस पर दास ने कहा कि ऐसा होने के आसार नहीं हैं। उन्होंने ध्यान दिलाया कि सरकार ने रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध छिड़ने के बाद से अब तक अर्थव्यव्यवस्था की आपूर्ति पक्ष साइड में ऐसे कई कदम उठाए हैं, जिनसे कीमतों पर काबू पाया जा सका है।
गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति समिति नीति नर्धिारण में खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर ध्यान देती है। उसके समाने खुदरा मुद्रास्फीति को 2-6 प्रतिशत की सीमा में रखने का लक्ष्य है। रिजर्व बैंक पिछली कुछ द्वैमासिक समीक्षाओं में नीतिगत ब्याज दर को 6.5 प्रतिशत के स्तर पर अपरिवर्तित रखा है।
दाम बढ़ने की आशंका जताई गई
भारतीय रिजर्व बैंक ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 के लिए खुदरा मुद्रास्फीति अनुमान को 5.4 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। आरबीआई का कहना है कि आने वाले दिनों में खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने की आशंका है। दिसंबर में मुद्रास्फीति ऊंची बनी रह सकती है। सरकार ने आरबीआई को खुदरा महंगाई दर दो प्रतिशत घट-बढ़ के साथ चार प्रतिशत पर रखने की जिम्मेदारी दी हुई है।
क्रिप्टो करेंसी पर सख्ती जारी रहेगी
इसी के साथ उन्होंने क्रिप्टो करेंसी के मुद्दे पर भी एक बार फिर से अपना रुख साफ कर दिया। उन्होंने कहा कि रिज़र्व बैंक क्रिप्टो करेंसी नियमों पर दूसरों का ”अनुकरण” नहीं करेगा। अमेरिकी नियामकों द्वारा बिटकॉइन एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ईटीएफ) को अनुमति देने के एक दिन बाद उन्होंने जोर देकर कहा कि क्रिप्टो करेंसी के प्रति बैंक और उनका अपना विरोध नहीं बदलेगा।
उन्होंने कहा कि यह जरूरी नहीं कि क्रिप्टो के मामले में जो बात किसी दूसरे देश के लिए सही है, वो हमारे लिए भी सही हो। उन्होंने कहा कि उभरती बाजार अर्थव्यवस्थाओं और उन्नत अर्थव्यवस्थाओं के लिए क्रिप्टो करेंसी के रास्ते पर चलने से कई जोखिम उत्पन्न होंगे, जिनसे निपटना बेहद मुश्किल होगा।
यूपीआई दुनिया का सबसे अच्छा पेमेंट सिस्टम
शक्तिकांत दास ने यह भी कहा कि भारतीय राष्ट्रीय पेमेंट निगम द्वारा विकसित यूपीआई बेहद सफल रहा है। पेमेंट ऐप के बढ़ने की अधिक गुंजाइश है और यह विश्व में अग्रणी बन सकता है। देश में इसका मासिक लेनदेन कई महीने पहले 100 अरब का आंकड़ा पार कर गया था। आरबीआई अन्य देशों के और केंद्रीय बैंकों के साथ भी चर्चा कर रहा है। उन्होंने उस आलोचना को भी खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि यूपीआई की भारी सफलता के बाद इसके निर्माता एनपीसीआई का ‘एकाधिकार’ हो गया है।
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