इस्लामाबाद (Islamabad)। पड़ोसी देश पाकिस्तान (Pakistan) इस समय महंगाई की मार से जूझ रहा है। कर्ज से लदा पाकिस्ताान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बीच एकबार फिर से वार्ता की शुरुआत हुई है। पाकिस्तान (Pakistan) ने 31 जनवरी से 9 फरवरी तक इस्लामाबाद (Islamabad) में आईएमएफ प्रतिनिधिमंडल के साथ दस दिनों की लंबी वार्ता की थी लेकिन यह वार्ता किसी समझौते पर नहीं पहुंची थी।
बता दें कि पाकिस्तान में बढ़ती महंगाई और खाद्य सामग्रियों की कमी का संकट पहले ही गहरा चुका है। अब इस बीच शहबाज सरकार ने आईएमएफ से सस्ता कर्ज लेने के लिए जनता पर बोझ और बढ़ा दिया है। बताया गया है कि पाकिस्तान में अब पेट्रोल की कीमतें बढ़ाकर 272 रुपये प्रति लीटर कर दी गई हैं। इसके अलावा यहां डीजल की कीमतों में भी इजाफा कर 280 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। पेट्रोल-डीजल की यह बढ़ी कीमतें पहले से परेशानी में पड़ी पाकिस्तान की जनता की मुश्किलें और बढ़ाने वाली हैं।
शहबाज शरीफ सरकार की तरफ से ईंधन की दरों में बढ़ोतरी का यह फैसला संसद में नए सप्लीमेंट्री फाइनेंस बिल को पेश करने के बाद आया। इसमें उनकी सरकार ने गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) को 18 फीसदी तक पहुंचाने का प्रस्ताव रखा, ताकि पाकिस्तान इस आर्थिक संकट से निपटने के लिए 170 अरब रुपये का कर जुटा सके।
गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईंधन की दरों में वृद्धि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की तरफ से रखी गई शर्त थी। तय था कि आईएमएफ की इस मांग के चलते पाकिस्तान में महंगाई बढ़ेगी। हालांकि, कर्ज लौटाने के एवज में इस शर्त का माना जाना जरूरी था। पाक में दूध की कीमत 210 रुपये प्रति लीटर तक जा पहुंचीं है, जबकि मुर्गे का मीट 780 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच चुका है। पेट्रोल के दाम बढ़ने के बाद यह स्थिति और बिगड़ सकती है।
29 जनवरी को 35 रुपये प्रति लीटर बढ़ी थी ईंधन की कीमतें
इससे पहले 29 जनवरी को पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 35 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की घोषणा कर दी थी। इसके चलते पाकिस्तान की जनता में पहले ही रोष था। अब एक महीने के अंदर ही देश में पेट्रोल की कीमतों में 57 रुपये, डीजल की कीमतों में 62 रुपये की बढ़ोतरी हो चुकी है।
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