नई दिल्ली: देश में महंगाई दर (Inflation) में हल्की गिरावट आई है. हालांकि, भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का कहना है अभी भी ऐसे संकेत मिल रहे हैं जो महंगाई के आगे और बढ़ने का इशारा कर रहे हैं. आरबीआई के महंगाई के प्रति इस रुख को देखते हुए अब एक्सपर्ट अब कयास लगा रहे हैं कि अगस्त में होने वाली मौद्रिक नीति बैठक (Monetary policy meeting) में रेपो रेट (Rapo Rate) में इजाफा तो हो सकता है, पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी की आक्रामकता में कमी हो सकती है.
आरबीआई ने अपने जुलाई बुलेटिन में कहा है कि महंगाई दर में गिरावट तेजी से और जल्दी आई है. आरबीआई का कहना है कि इस असाधारण समय में महंगाई दर की दिशा में बदलाव मायने रखता है, न की इसका स्तर. आरबीआई ने कहा, “इन कठिन परिस्थितियों में हमें आशा है कि विश्व के दूसरे देशों के मुकाबले भारत की मॉनेटरी पॉलिसी ज्यादा उदार होगी और हम दो साल की समयावधि में महंगाई को हमारी निर्धारित सीमा के भीतर ले आएंगे.”
आरबीआई की तय सीमा से ऊपर है महंगाई दर
रिपोर्ट के अनुसार, जून 2022 में खुदरा महंगाई 7.01 फीसदी रही है. लगातार छठे महीने ऐसा हुआ है जब भारत की खुदरा महंगाई दर भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा तय सीमा को पार कर गई है. RBI ने 6 फीसदी की दर निर्धारित की है. हालांकि अच्छी बात यह रही है कि जून में लगातार दूसरे महीने रिटेल महंगाई दर में हल्की गिरावट आई है. अप्रैल में खुदरा महंगाई दर 7.79 फीसदी तक पहुंच गई थी. मई में यह गिरकर 7.04 फीसदी पर आ गई और अब जून में यह 7.01 प्रतिशत हो गई.
रेपो रेट में होगी बढ़ोतरी
कोटक इंस्टिट्यूशनल इक्विटिज के वरिष्ठ अर्थशास्त्री सुवोदीप रक्षित का कहना है मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए आरबीआई को रेपो रेट में बढ़ोतरी को जारी रखना चाहिए. रक्षित का कहना है कि हमारा मानना है कि अगस्त पॉलिसी में रेपो रेट में 35 बेसिस प्वाइंटस का इजाफा होगा और आरबीआई को साल 2022 के अंत तक रेपो रेटो को 5.75 फीसदी तक ले जाना चाहिए.
एक अन्य जानकार ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि अगस्त वाली पॉलिसी में आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी तो करेगा, परंतु यह उतनी नहीं होगी, जितनी पहले कर चुका है. ऐसा महंगाई के दर में आ रही थोड़ी सुस्ती के कारण होगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल सहित बहुत-सी कमोडिटी की कीमतों में कमी हो रही है. मेहता इक्विटीज के डायरेक्टर शरद चंद्र शुक्ला का कहना है कि मौजूदा महंगाई दर को देखते हुए आरबीआई अगस्त में रेपो रेट में 50 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर सकता है.
अभी भी माहौल चुनौतीपूर्ण
टेलविंड फाइनेंशियल सर्विसेज के को-फाउंडर विवेक गोयल का कहना है कि भले ही महंगाई दर में थोड़ी गिरावट आई हो, परंतु यह अब भी आरबीआई की तय सीमा से ज्यादा है. इसलिए अगली मॉनेटरी पॉलिसी बैठक में जोखिमों को देखते हुए आरबीआई रेपो रेट में बढ़ोतरी करेगा. गोयल का कहना है कि वैश्विक स्तर पर कमोडिटी की कीमतें कम हुई हैं. चीन में कोरोना लॉकडाउन और अमेरिका में ब्याज दरें बढ़ने से विश्व में मंदी आने की संभावनाएं व्यक्त की जाने लगी हैं. इससे फौरी तौर पर तो थोड़ी राहत मिली है. लेकिन, रुपये का होता अवमूल्यन और कुछ अन्य परिस्थितियां रिजर्व बैंक को रेपो रेट में बढ़ोतरी के लिए मजबूर करेंगी.
गोयल का कहना है कि दिसंबर तक रेपो रेट में 75-90 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा हो सकता है. मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की बैठक 2 से 4 अगस्त तक होगी. जून में हुई पिछली बैठक में रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट्स का इजाफा किया गया था. मई में भी मॉनेटरी पॉलिसी कमेटी की हुई एक आकस्मिक बैठक में रेपो रेट में 40 आधार अंकों की बढ़ोतरी कर दी गई थी.
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