उज्जैन। लगभग दो महीने बाद जिले में कोरोना के रोज संक्रमित आ रहे मामलों का आंकड़ा 50 के नीचे आया है। जारी रिपोर्ट में आज पूरे जिले में सिर्फ 22 नए मरीज ही मिले हैं। यह मरीज भी सामान्य लक्षण वाले हैं, जिनका होम आईसोलेशन में ही ईलाज चलेगा। उल्लेखनीय है कि कोरोना की तीसरी लहर शुरु होने के बाद से ही जिले में कोरोना के नए मरीजों के आंकड़ों के रिकार्ड बनने लगे थे। दिसम्बर महीने के अंत तक तो शहर और जिले में रोज 150 से ज्यादा मामले सामने आने लगे थे। जनवरी महीने के दूसरे सप्ताह से संक्रमण और तेजी से बढ़ गया था तथा मध्य में तो 250 से ज्यादा मरीज रोज पॉजीटिव आ रहे थे। इधर फरवरी महीना शुरु होने के बाद पॉजीटिव केस का आंकड़ा 200 से नीचे आने लगा था और 5 फरवरी को कई दिनों बाद कोरोना के 115 मामले सामने आए थे। इसके बाद लगातार आंकड़ों में गिरावट बनी रही। अगले दिन 73 इसके बाद 66, इसके बाद 61 और आज आंकड़ा घटकर 50 से नीचे पहुँच गया है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार 1837 लोगों के कल कोरोना जाँच के लिए नमूने लिए गए थे जिनमें से सिर्फ 22 लोगों की रिपोर्ट ही कोरोना पॉजीटिव आई है। पॉजीटिव आए सभी मरीज सामान्य लक्षण वाले हैं और किसी की भी हालत गंभीर नहीं होने के कारण सभी को होम आईसोलेशन में रखकर उपचार दिया जाएगा।
हजार से नीचे आए घर में उपचार वाले
कोरोना के मामले घटने के साथ ही पॉजीटिव आ रहे मरीजों के मुकाबले उपचार के बाद ठीक हो रहे मरीजों का रिकवरी रेट बढ़कर अब 95 प्रतिशत तक पहुँच गया है। एक दिन पहले होम आईसोलेशन में 1098 मरीजों का उपचार चल रहा था। कल हुई 100 से ज्यादा मरीजों की छुट्टी के बाद अब होम आईसोलेशन में उपचाररत मरीजों की संख्या 1 हजार से नीचे आ गई है।
रेड झोन से बाहर होने में एक हफ्ते से ज्यादा समय
कोरोना के मामलों में तेजी से आई गिरावट के बाद भी अभी 900 के लगभग एक्टिव केस पूरे जिले में मौजूद हैं लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों का कहना है कि उपचाररत मरीज तेजी से ठीक हो रहे हैं। इसी तरह अगर एक हफ्ते तक केस कम आते रहे और रिकवरी रेट अच्छा रहा तो उम्मीद है कि लगभग एक हफ्ते बाद उज्जैन जिला रेड झोन से बाहर हो जाएगा। उल्लेखनीय है कि शासन की गाईड लाईन के मुताबिक जिले में जब तक कोरोना के एक्टिव मामले 50 से नीचे नहीं आते तब तक वह रेड झोन के दायरे में माना जाता है।
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