नई दिल्ली। एक अध्ययन के मुताबिक, कलाई पर पहने जाने वाले हेल्थ ट्रैकर (health tracker) के जरिए वायरल बीमारी के शुरुआती लक्षणों का पता लगाया जा सकता है। जिससे कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पहले ही पता चल सकने में मदद मिलेगी। इस बारे में शोधकर्ताओं (researchers) ने पाया कि दुनियाभर में हेल्थ ट्रैकर का इस्तेमाल करने वालों की संख्या बढ़ रही है। हेल्थ ट्रैकर का उपयोग लोग स्किन टेम्प्रेचर, हार्ट और ब्रीथिंग रेट में बदलाव की निगरानी के लिए करते हैं। बीएमजे ओपन जर्नल में प्रकाशित हाल के अध्ययन रिपोर्ट से पता चला कि इस डाटा को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (artifical Intelligence) के साथ जोड़कर कोविड 19 के लक्षण दिखाई देने से पहले ही संक्रमण की जांच की जा सकती है।
कोरोना के लिए पीसीआर जांच
जबकि पीसीआर स्वैब टेस्ट कोविड 19 की पुष्टि का एक मानक पूर्ण तरीका है। शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारे निष्कर्ष से पता चला है कि एक पहनने योग्य मशीन, जो एल्गोरिदम पर आधारित है, वह कोविड 19 के पूर्व लक्षणों का पता लगाने के लिए आशाजनक उपकरण के तौर पर काम कर सकती है। रिस्क मेडिकल लेबोरेटरी, लिकटेंस्टीन के शोधकर्ताओं ने एवीए ब्रेसलेट पहनने वालों पर अध्ययन रिपोर्ट के यह परिणाम पाया।
हेल्थ ट्रैकर पर हुआ अध्ययन
इस जीएपीपी अध्ययन के लिए मार्च 2020 और अप्रैल 2021 के बीच 51 वर्ष से कम आयु के 1,163 प्रतिभागियों का चयन किया गया। साल 2010 में शुरू हुए जीएपीपी का उद्देश्य सिचेंस्टीन की सामान्य आबादी में हृदय संबंधी जोखिम कारकों के विकास को बेहतर ढ़ग से समझने के लिए अध्ययन में शामिल लोगों को रात में एवीए ब्रेसलेट पहनाया गया। यह डिवाइस हर 10 सेकेंड में डाटा को सेव करता है और कम से कम चार घंटे की तुलना में बिना रुकावट नींद की आवश्यकता को पूरी करता है। ब्रेसलेट जागने पर एक पूरक स्मार्टफोन ऐप के साथ सिंक्रनाइज़ भी करता है।
कोविड 19 संक्रमण के लिए रैपिड एंटीबॉडी जांच की जाती है। वहीं सांकेतिक लक्षणों वाले लोगों की पीसीआर स्वैब जांच होती है। लेकिन अध्ययन की अवधि में हेल्थ ट्रैकर इस्तेमाल कर रहे 127 लोगों यानी 11 फीसदी लोगों में संक्रमण विकसित होता पाया गया। वहीं 52 फीसदी लोगों ने शुरुआती लक्षण दिखने के कम से कम 29 दिन पहले ब्रेसलेट पहना था। जब इन लोगों का पीसीआर स्वैब परीक्षण किया गया तो रिपोर्ट पॉजिटिव आई। जिसके बाद इन लोगों को अंतिम विश्लेषण में शामिल किया गया। पाया गया कि कोरोना वायरस के लक्षण औसतन 8.5 दिनों तक रहे।
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