भोपाल। प्रदेश में एक ओर जहां निजी अस्पतालों (Private hospitals) की मनमर्जी सामने आ रही है। वहीं दूसरी ओर सरकारी अस्पतालों (Government Hospitals) के खुद डॉक्टरों (Doctors) की लापरवाही से पूरा सिस्टम (System) बदनाम हो रहा है। बड़वानी (Badwani) जिला चिकित्सालय में संविदा आधार पर पदस्थ डॉक्टर मुकेश चौहान (Doctor Mukesh Chouhan) खुद कोरोना संक्रमित (Corona infected) घर पर क्वारेंटाइन (Quarantine) में थे। इस दौरान वे अपनी निवास एवं खुद के अस्पताल (Hospital) में मरीजों को लगातार देखते रहे। सूचना मिलने पर प्रशासन की टीम ने डॉक्टर (Doctor) को मरीजों का इलाज करते रंगेहाथ पकड़ा है। दूसरों की जान जोखिम में डालने के मामले में कलेक्टर (Collector) ने डॉक्टर (Doctor) की सेवा समाप्त करने की सिफारिश की है। एसडीएम घनश्याम धनगर (SDM Ghanshyam Dhangar) ने डॉक्टर (Doctor) के ठिकानों पर छापामार कार्रवाई की। रिपोर्ट (Report) के बताया कि डा. मुकेश पुत्र मोहनलाल चौहान (Dr. Mukesh Putra Mohanlal Chauhan) निवासी इंदौर बड़वानी (Indore Badwani) शहर में आशाग्राम रोड स्थित निजी क्लिनिक व अंजड़ रोड पर ओम सांईराम डे केयर अस्पताल का संचालनकरते हैं।
वे 24 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट कोरोना पाजिटिव आने पर ड्यूटी से अनुपस्थित होकर सात मई तक होम आइसोलेट थे। वहीं इस दौरान शासकीय अस्पताल से अवकाश लेकर क्वारंटाइन अवधि में अपने निजी क्लिनिक पर मरीजों का उपचार कर रहे थे। साथ ही अपने अस्पताल में सात कोरोना पाजिटिव व सस्पेक्टेड मरीजों को भर्ती कर उपचार किया जा रहा था। जांच में पाया कि डा.चौहान द्वारा 15 अप्रैल से तीन मई तक मरीजों को अपने लेटरपेड पर उपचार पर्ची दी। मरीजों को अस्पताल से ही दवाईयां व इंजेक्शन, बाटल लगाई जाकर मरीजों से फीस जमा करवाई गई। जबकि डाक्टर द्वारा क्लिनिक व अस्पताल का पंजीयन नहीं करवाना पाया गया।
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