भोपाल। सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र सहित शहर के कई उद्योग फायर एनओसी के दोहरे मापदंड को लेकर लंबे समय से परेशानी झेल रहे हैं। उद्योगों को फायर सुरक्षा संबंधित मापदंडों के पालन के लिए औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग से अनुमति दी जाती है। आग की घटनाओं के बाद इंश्योरेंस कंपनियां निगम द्वारा दी जाने वाली फायर एनओसी न होने का हवाला देकर उद्योगों के आगजनी में हुए नुकसान की भरपाई भी नहीं कर रही हैं। उद्योगपतियों को कहना है कि पुराने उद्योगों के लिए इस तरह की बाध्यता नहीं होना चाहिए। शहरी क्षेत्र में नई औद्योगिक इकाइयां निगम की फायर एनओसी के मापदंड का पालन कर रहे हैं। इसमें औद्योगिक परिसर में फायर एक्सटिंग्युशर रखने के अलावा फायर हाईड्रेंड या पानी की टंकी और पंप का इंतजाम करना होता है। औद्योगिक परिसर में फायर सुरक्षा संबंधित पाइप लाइन भी बिछानी होती है। निगम से भवन पूर्णता प्रमाण पत्र भी लेना जरूरी है। नगर निगम द्वारा शुरुआत में उद्योगों को प्रोविजनल फायर एनओसी एक साल के लिए दी जाती है। उसके बाद उन्हें स्थायी फायर एनओसी मिलती है। 30 साल से पुराने उद्योग औद्योगिक सुरक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग के फायर सुरक्षा के तय मापदंडों का पालन कर रहे है और उसमें इस तरह की बाध्यताएं नहीं हैं। ऐसे में यदि पुराने उद्योग फायर सुरक्षों निगम के तय मापदंडों को पूरा करते हैं तो उन्हें 5 से 30 लाख रुपये तक का खर्च आता है।
भवन पूर्णता प्रमाण के कारण कई भवनों की रुकी एनओसी
नगरीय प्रशासन विभाग ने दो हजार वर्गमीटर के भूखंडों पर बने भवनों के लिए भवन पूर्णता प्रमाण पत्र की अनिवार्यता विगत दो वर्षो से की है। यह होने पर संबंधित भवन मालिक फायर सुरक्षा संबंधित एनओसी मिलती है।
यह नियम नए भवनों के अलावा पुराने भवनों पर भी लागू कर दिया है। ऐसे में जो भवन 20 से 30 साल पहले बने हैं, उन्हें यह प्रमाण पत्र नहीं मिल पा रहा है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved